उमेश चौहान
जन्म | 09 अप्रैल 1959 |
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निधन | 04 मई 2016 |
जन्म स्थान | ग्राम दादूपुर, जिला लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
गाँठ में लूँ बाँध थोड़ी चाँदनी (2001), दाना चुगते मुरगे (2004,), जिन्हें डर नहीं लगता (2009) | |
विविध | |
मूल मलयालम से महाकवि अक्कितम की कविताओं का अनुवाद जो भारतीय ज्ञानपीठ से संग्रह के रूप में प्रकाशित (2009) | |
जीवन परिचय | |
उमेश चौहान / परिचय |
कविता संग्रह
हिंदी कविताएँ
- सुनो, सुनो, सुनो ! / उमेश चौहान
- अजूबा रंग-मंच / उमेश चौहान
- बौने क़द के लोगों में / उमेश चौहान
- दाना चुगते मुरगे. / उमेश चौहान
- युद्ध और बच्चे / उमेश चौहान
- नई नस्ल के कबूतर / उमेश चौहान
- कूड़ेदान / उमेश चौहान
- करमजीते चक दे! / उमेश चौहान
- जिन्हें डर नहीं लगता./उमेश चौहान
- बौनों के देश में / उमेश चौहान
- नारियल की देह / उमेश चौहान
- शब्द / उमेश चौहान
- पिताजी / उमेश चौहान
- औरत / उमेश चौहान
- सपने / उमेश चौहान
- सच्चा प्रेम / उमेश चौहान
- प्रेम-यात्रा / उमेश चौहान
- लाचारी / उमेश चौहान
- सूर्यघड़ी / उमेश चौहान
- मीठी बातों से कड़वी भली / उमेश चौहान
- मैं चोर नहीं / उमेश चौहान
- जरूरी होता है / उमेश चौहान
- जनतंत्र का अभिमन्यु / उमेश चौहान
- बेटी से बहू बनने की प्रक्रिया से गुजरती लड़की / उमेश चौहान
- अनपढ़ / उमेश चौहान
- नहीं जीना चाहती एक स्त्री की तरह / उमेश चौहान
- बिटिया बड़ी हो रही है / उमेश चौहान
- मैना / उमेश चौहान
- रोओ / उमेश चौहान
- लक्ष्मण-रेखाएँ / उमेश चौहान
- शिकारी / उमेश चौहान
- शीला भयाक्रांत है / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 1 / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 2 / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 3 / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 4 / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 5 / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 6 / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 7 / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 8 / उमेश चौहान
- ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 9 / उमेश चौहान
अवधी रचनाएँ
- म्वार देसवा हवै आजाद / उमेश चौहान
- भारत भुइं तुम्है बोलाय रही / उमेश चौहान
- पन्द्रह अगस्त का भारत मां / उमेश चौहान
- काहे बुझी सोच कै बाती / उमेश चौहान
- उनका हालु न पूछौ भैया / उमेश चौहान
- जउनी गली जाऊँ / उमेश चौहान
- शहर कै सुबह बनाम गांव का भोरु / उमेश चौहान
- जमीन हमरी लै लेउ / उमेश चौहान
- प्रेमी कै जातना / उमेश चौहान
- अरे पुरुषजन! (आल्हा) / उमेश चौहान