सूर्यपाल सिंह
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पर अभी संभावना है (2004), रात साक्षी है (2006), सपने बुनते हुए (2011), धूप निकलेगी (2010), नए पत्ते (2013), | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
सूर्यपाल सिंह / परिचय |
कविताएँ
ग़ज़लें
- ज़रा गुनगुनाते हुए आइएगा / सूर्यपाल सिंह
- नक़ल देखना क्या असल जानता हूँ / सूर्यपाल सिंह
- डरे हो बचाते कहाँ जाइएगा? / सूर्यपाल सिंह
- गली में किसी के दिया घर जला है / सूर्यपाल सिंह
- तनिक आँख तो खोल ही लीजिए अब / सूर्यपाल सिंह
- ग़ज़ल है ग़ज़ल वह न हिन्दू मुसलमां / सूर्यपाल सिंह
- न नख़्खा़स बाजा़र है एक घर है / सूर्यपाल सिंह
- उन्हें ग़र यही ज़िद कि हम तोड़ देंगे / सूर्यपाल सिंह
- ज़मी पैर नीचे न है जानता है / सूर्यपाल सिंह
- उडे़ चुुप परिन्दे बताता न कोई / सूर्यपाल सिंह
- किया है हवन तो हथेली जली है / सूर्यपाल सिंह
- सभी मौन हैं गुनगुनाए न कोई / सूर्यपाल सिंह
- नया मोड़ लाती सदी आ गई है / सूर्यपाल सिंह
- न कोई बताना बहाना पडे़गा / सूर्यपाल सिंह
- पपीहे सदा 'पी कहा' बोलते हैं / सूर्यपाल सिंह