मोमिन खाँ 'मोमिन'
जन्म | 1800 |
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निधन | 1851 |
उपनाम | मोमिन |
जन्म स्थान | दिल्ली, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
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विविध | |
पेशे से मोमिन एक हकीम थे। | |
जीवन परिचय | |
मोमिन / परिचय |
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- मुझे चुप लगी मुद्दआ कहते-कहते / मोमिन
- सब्रे-वहशत असर न हो जाए / मोमिन
- दिन भी दराज़ रात भी क्यों है फ़िराके-यार में / मोमिन
- न देना बोसा-ए-पा गो फ़लक झुकता ज़मीं पर है / मोमिन
- 'मोमिन' सू-ए-शर्क़ उस बुते-क़ाफ़िर का तो घर है / मोमिन
- अजल जाँ-ब-लब उसके शेवन से है / मोमिन
- मुझपे तूफ़ाँ उठाये लोगों ने / मोमिन
- असर उसको ज़रा नहीं होता / मोमिन
- तुम्हे याद हो के ना याद हो / मोमिन
- रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह / मोमिन
- हम समझते हैं आज़माने को / मोमिन
- दफ़्न जब ख़ाक में हम सोख़्ता सामाँ होंगे / मोमिन
- ये हासिल है तो क्या हासिल बयाँ से / मोमिन
- तुम भी रहने लगे ख़फ़ा साहब / मोमिन
- दिल क़ाबिल-ए-मोहब्बत-ए-जानाँ नहीं रहा / मोमिन
- उलझे न ज़ुल्फ़ से जो परेशानियों में हम / मोमिन
- न कुछ शोख़ी चली बादे-सबा की / मोमिन
- मह्व मुझ-सा दमे-नज़्ज़ारा-ए-जानाँ होगा / मोमिन
- ठानी थी दिल में अब न मिलेंगे किसी से हम / मोमिन
- हरदम रहीने-कशमकशे-दस्ते-यार हैं / मोमिन
- जहाँ से शक्ल को तेरी तरस-तरस गुज़रे / मोमिन
- ख़ुदा की याद दिलाते थे नज़अ में अहबाब / मोमिन
- आहे-फ़लक-फ़ुगन तेरे ग़म से कहाँ नहीं/ मोमिन
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