जिगर मुरादाबादी
जन्म | 1890 |
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निधन | 1960 |
उपनाम | जिगर |
जन्म स्थान | मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
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विविध | |
जिगर मुरादाबादी का मूल नाम अली सिकंदर था। | |
जीवन परिचय | |
जिगर मुरादाबादी / परिचय |
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- दिल गया रौनके हयात गई / जिगर मुरादाबादी
- इक लफ़्ज़े-मोहब्बत का / जिगर मुरादाबादी
- दिल में किसी के राह / जिगर मुरादाबादी
- दुनिया के सितम याद ना / जिगर मुरादाबादी
- हर दम दुआएँ देना / जिगर मुरादाबादी
- हर सू दिखाई देते हैं वो जलवागर मुझे / जिगर मुरादाबादी
- दर्द बढ कर फुगाँ ना हो जाये / जिगर मुरादाबादी
- लाख बलाये एक नशेमन / जिगर मुरादाबादी
- ये सब्जमंद-ए-चमन है / जिगर मुरादाबादी
- जान कर मिन-जुमला-ऐ-खासाना-ऐ-मैखाना मुझे / जिगर मुरादाबादी
- तेरी खुशी से अगर गम में भी खुशी न हुई / जिगर मुरादाबादी
- याद / जिगर मुरादाबादी
- साक़ी की हर निगाह पे बल खा के पी गया / जिगर मुरादाबादी
- कहाँ से बढ़कर पहुँचे हैं / जिगर मुरादाबादी
- काम आखि़र जज्बा-ए-बेइख्तियार आ ही गया / जिगर मुरादाबादी
- कोई ये कहदे गुलशन गुलशन / जिगर मुरादाबादी
- तबीयत इन दिनों बेगा़ना-ए-ग़म होती जाती है / जिगर मुरादाबादी
- वो काफ़िर आशना ना आश्ना यूँ भी है / जिगर मुरादाबादी
- आदमी आदमी से मिलता है / जिगर मुरादाबादी
- आँखों में बस के दिल में समा कर चले गये / जिगर मुरादाबादी
- दिल में तुम हो नज़ा का हंगाम है / जिगर मुरादाबादी
- इश्क़ लामहदूद जब तक रहनुमा होता नहीं / जिगर मुरादाबादी
- हाँ किस को है मयस्सर ये काम कर गुज़रना / जिगर मुरादाबादी
- इस इश्क़ के हाथों से हर-गिज़ नामाफ़र देखा / जिगर मुरादाबादी
- इश्क़ फ़ना का नाम है इश्क़ में ज़िन्दगी न देख / जिगर मुरादाबादी
- हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं / जिगर मुरादाबादी
- इश्क़ की दास्तान है प्यारे / जिगर मुरादाबादी
- इश्क़ को बे-नक़ाब होना था / जिगर मुरादाबादी
- कहाँ वो शोख़, मुलाक़ात ख़ुद से भी न हुई / जिगर मुरादाबादी
- कभी शाख़-ओ-सब्ज़-ओ-बर्ग पर / जिगर मुरादाबादी
- इश्क़ में लाजवाब हैं हम लोग / जिगर मुरादाबादी
- मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाक़ात का आलम / जिगर मुरादाबादी
- इसी चमन में ही हमारा भी इक ज़माना था / जिगर मुरादाबादी
- दिल को जब दिल से राह होती है / जिगर मुरादाबादी
- कुछ इस अदा से आज वो पहलू-नशीं रहे / जिगर मुरादाबादी
- नियाज़-ओ-नाज़ के झगड़े मिटाये जाते हैं / जिगर मुरादाबादी
- मुझे दे रहें हैं तसल्लियाँ वो हर एक ताज़ा / जिगर मुरादाबादी
- साक़ी पर इल्ज़ाम न आये / जिगर मुरादाबादी
- ओस पदे बहार पर आग लगे कनार में / जिगर मुरादाबादी
- बुझी हुई शमा का धुआँ हूँ / जिगर मुरादाबादी
- बराबर से बचकर गुज़र जाने वाले / जिगर मुरादाबादी
- दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल उनको सुनाई न गई / जिगर मुरादाबादी
- तुझी से इब्तदा है तू ही इक दिन इंतहा होगा / जिगर मुरादाबादी
- शायर-ए-फ़ितरत हूँ मैं जब फ़िक्र फ़र्माता हूँ मैं / जिगर मुरादाबादी
- अगर न ज़ोहरा जबीनों के दरमियाँ गुज़रे / जिगर मुरादाबादी
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