अंगिका के स्वर
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रचनाकार | सियाराम प्रहरी |
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प्रकाशक | जनकथन प्रकाशन, मुंगेर |
वर्ष | 2007 |
भाषा | अंगिका |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 24 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- ई केन्हों मौसम ऐलोॅ छै / सियाराम प्रहरी
- जागोॅ बीर जवान देश के / सियाराम प्रहरी
- चलोॅ तनी संभलि केॅ / सियाराम प्रहरी
- ई ओझरैलोॅ जिनगी हमरोॅ कतेॅ नाच नचैलोॅ छै / सियाराम प्रहरी
- जेकरे पर विश्वास करै छी आँखी में दै छै घूर / सियाराम प्रहरी
- केन्होॅ छै ई देश, देश ई केन्होॅ छै / सियाराम प्रहरी
- बेसी गाल बजावोॅ नै, हे बाबू अगरावोॅ नै / सियाराम प्रहरी
- झूमै छै, गावै छै तरूवर रसाल के / सियाराम प्रहरी
- फूल हमरोॅ छै चमन हमरोॅ छै / सियाराम प्रहरी
- तों पागल हमरा कहोॅ कहोॅ दीवाना / सियाराम प्रहरी
- लौटी आबोॅ तो अपनोॅ गाम / सियाराम प्रहरी
- राजनीति ने जन जीवन के / सियाराम प्रहरी
- रात बनि ठनि केॅ ठगै छै हमरा / सियाराम प्रहरी
- गुलोॅ के गुल खिलाना आबी गेलोॅ छै / सियाराम प्रहरी
- आसन पर आसीन भेॅ गेलोॅ / सियाराम प्रहरी
- नारी / सियाराम प्रहरी
- ज्ञान दाता / सियाराम प्रहरी