वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
जन्म | 18 अगस्त 1968 |
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जन्म स्थान | गाँव किशनगढ़, छतरपुर, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
शेष बची चौथाई रात (1999, ग़ज़ल-संग्रह), सुबह की दस्तक (2006, ग़ज़ल, गीत व कविता-संग्रह) | |
विविध | |
'हिन्दी भूषण' अलंकरण, 'काव्य-कौस्तुभ' सम्मान | |
जीवन परिचय | |
वीरेन्द्र खरे 'अकेला' / परिचय |
ग़ज़ल व गीत-संग्रह
ग़ज़लें
- भूल कर भेदभाव की बातें / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- पहले तेरी जेब टटोली जाएगी / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- झूठ पर कुछ लगाम है कि नहीं / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- कहाँ ख़ुश देख पाती है किसी को भी कभी दुनिया / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- वक़्त ढल पाया नहीं है शाम का / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- दूर से ही हाथ जोड़े हमने ऐसे ज्ञान से / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- काम है जिनका रस्ते-रस्ते बम रखना / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- बोले बग़ैर हिज्र का क़िस्सा सुना गया / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- पूछो मत क्या हाल-चाल हैं / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- दिन बीता लो आई रात / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- अरे नादान क्यों उलझा है तू चूल्हे बदलने में / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर ज़माना / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- न जाने क्यों तेरी यारी में उलझे / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- कौन कहता है कि हम मर जाएँगे / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- आज कल तो रास्ता अँधे भी दिखलाने लगे / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- फिर बढ़ाना द्वार पे पाबंदियाँ / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- मुझको आज मिली सच्चाई / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- तबीयत हमारी है भारी सुबह से / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- कब होती है कोई आहट / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- कोई मंज़र नज़र को भाता नहीं / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखाते हैं / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- महकते गुलशनों में तितलियाँ आती ही आती हैं / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- आराम के, सुकून के राहत के चार दिन / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- सूर्य से भी पार पाना चाहता है / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- फिर पुरानी राह पर आना पड़ेगा / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- इस तरह से बात मनवाने का चक्कर छोड़ दे / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- सोच की सीमाओं के बाहर मिले / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- गुज़रेंगे इस चमन से तूफ़ान और कितने / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- उमीदों के कई रंगीं फ़साने ढूँढ़ लेते हैं / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- हमने कर ली सफ़र की तैयारी / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- ये वक्त मेहमान के आने का वक्त है / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- कभी कुछ ग़म भी हो हरदम ख़ुशी अच्छी नहीं होती / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
गीत
- बंजर धरती कैसे हरी भरी होगी / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- सिकुड़नें मुख मंडलों पर शत्रुभय की / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- वन जाने को राम नहीं तैयार, पढ़ा अख़बार ! / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- हर तरफ़ तक़रार ही तक़रार / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- तुमने ठीक मिटाया मुझको / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- पटरी से उतरी है जीवन की रेल / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- खा जाएगा गच्चा प्यारे ख़ुद को ज़रा सम्हाल / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- अपनी आपत्तियों को न करना मुखर मौन धारे रहो / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- दृढ़ रख संकल्पों को अपने / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- कब चलता है काम समय से कट के / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- कर्तव्यों की नौका बातों से खेता है / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- ऐसी करतूतों पर मेरी इस जिह्वा से गाली ही छूट गई / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- मुरझाई थी जो बगिया देखो तो अब तक खिली कहाँ / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- शांति हो, सदभावना हो भाईचारा हो / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- मेरे पास रखा ही क्या था / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- भले ही तुमको जी भर मैंने कोसा है, प्रभो ! / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- अगणित तलवारों पर अकेला ही भारी हूँ / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- मुझसे मत संबंध बनाने की सोचो, मैं / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- आफ़त में नहीं कहो है किसकी जान / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- आपको मुबारक हों समयोचित परिवर्तन / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'