भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पद-रत्नाकर / भाग- 5 / हनुमानप्रसाद पोद्दार
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:49, 2 जून 2014 का अवतरण
पद
- भज मन प्यारे सीताराम / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- जगविश्राम! मंगलधाम! / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- नारायण शुभ नाम दिव्य है / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- करतलसों ताली देत, राम मुख बोली / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- मुखसों कहत राम-नाम पंथ चलत जोई / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- साधन नाम-सम नहिं आन / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- भली है राम-नाम की ओट / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- भूल जग के विषयन कों / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- कर मन हरि को ध्यान / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- यदुपति व्रजपति श्यामा-श्याम / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- रघुपति राघव राजाराम / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- राम राम गाओ संतो / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- राम राम राम भजो / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रेम-मुदित मन से कहो / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- भजौ नित राधा नाम उदार / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- और सब भूल भले ही / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- चाहता जो परम सुख तू / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- बिनती सुण हाँरी, जप लै सुखकारी / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- नाचत गौर प्रेम अधीर / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- मेरे एक राम-नाम आधार / हनुमानप्रसाद पोद्दार