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शामे-शह्रे-याराँ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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शामे-शह्रे-याराँ
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रचनाकार | फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |
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प्रकाशक | |
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भाषा | उर्दू-हिन्दी |
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विविध |
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ग़ज़लें
- हमने सब शे’र में सँवारे थे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- न अब रक़ीब न नासेह न ग़मगुसार कोई / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- यह मौसमे-गुल गर्चे-तरबख़ेज़ बहुत है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हमीं से अपनी नवा हमकलाम होती रही / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- तुझे पुकारा है बेइरादः / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हसरते दीद में गुज़राँ है ज़माने कब से / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- य’ किस ख़लिश ने फिर इस दिल में आशियाना किया / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- किस शह्र न शोहरा हुआ नादानी-ए-दिल का / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हैराँ हैं जबीं आज किधर सज्दा रवाँ है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- आपकी याद आती रही रात भर / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- याद का फिर कोई दरवाज़ा खुला आख़िरे शब / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- कुछ पहले इन आँखों आगे क्या-क्या नज़ारा गुज़रे था / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सहल यूँ राहे-ज़िन्दगी की है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सभी कुछ है तेरा दिया हुआ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- नज़्रे-हाफ़िज़ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- अब के बरस दस्तूरे-सितम में / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- ग़म-ब-दिल, शुक्र-ब-लब, मस्तो-ग़ज़लख़्वाँ चलिए / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- वो बुतों ने डाले हैं वसवसे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सितम सिखलाएगा रस्मे-वफ़ा ऐसे नहीं होता / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्में
- उमीदे-सहर की बात सुनो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- जिस रोज़ क़ज़ा आएगी / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- अश्काबाद की शाम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- पाँवों से लहू को धो डालो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सज्जाद ज़हीर के नाम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- ये शाम मेह्रबाँ हो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- चलो फिर से मुस्कराएँ (गीत) / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हम तो मज़बूर थे इस दिल से / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- ढाका से वापसी पर / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- बहार आई / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- तुम अपनी करनी कर गुज़रो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- मोरी अरज सुनो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- लेनिनग्राड का गोरिस्तान / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- दरे-उम्मीद के दरयूज़ःगर / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- आज इक हर्फ़ को फिर / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़