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ठहरी केॅ सुनीं लेॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
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ठहरी केॅ सुनीं लेॅ
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रचनाकार | कस्तूरी झा 'कोकिल' |
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प्रकाशक | जिला साहित्य अकादमी, बेगूसराय |
वर्ष | 2016 |
भाषा | अंगिका |
विषय | |
विधा | गीत, ग़ज़ल, कविता |
पृष्ठ | 56 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- विनती-चरण कमल में / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-बोलाबै छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- झूमर-बोला देॅ रे कागा / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- ग़ज़ल-होली में चोली केॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-पानी बिनू पंछी / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-रोहिण गेलै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- ग़ज़ल-सरकारी आशा पर / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- कटाक्ष मुक्तक-नेता मुखिया / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- खोपड़ी रेगिस्तान गरमी सें खोपड़ी / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-सुनीं लेॅ रुकी केॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-सुनीं लेॅ ठहरी केॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-सुनीं लेॅ सुनीं लेॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-सावन में झमकी केॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-तोरा बिना सावन / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- सावनीं बेला-सावनीं फुहार में / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- पतनी पियारी संे-कादम! फेनू आबी गेलै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- प्राण पियारी सें-(आरो)-कौशे! लागै छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-ठहरी केॅ सुनीं लेॅ-सौंनीं बदरिया / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- दिलऽ केॅ दरद-व्याकुल परान छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- ग़ज़ल-केकरा कहियै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- नागिन बरसात-आबोॅ नीं फुरती सें / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-ठहरी केॅ सुनीं लेॅ प्यारी बदरिया / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- ई रंग कैहिनें? - कहीं बाढ़ छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- बादलऽ सें-गरजै छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- चूलही में बिहार-मुंगेर बिहार केॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- मौसमी मुक्तक-सावन में रिमझिम / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- ग़ज़ल-जब से तोंहे / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- सावन केॅ कारमुनीं-सावन में बादल / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-तोरा बिना मोॅन हे! / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- बसुलबा धार-आदमी बसुलबा धार होय गेलै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- भोर की बदरिया-ठहरो केॅ सुनीं लेॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- गीत-ठहरी केॅ सुनीं लेॅ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- सावन रोॅ लीला / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- सावन रोॅ तांडव / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- कमाल होय गेलै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
- पढ़ै वाला भाय/बहिन सें / कस्तूरी झा 'कोकिल'