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केदारनाथ सिंह
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केदारनाथ सिंह
जन्म | 20 नवम्बर 1934 |
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निधन | 19 मार्च 2018 |
जन्म स्थान | ग्राम चकिया, जिला बलिया, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
अभी बिल्कुल अभी, ज़मीन पक रही है, यहाँ से देखो, अकाल में सारस, उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ, बाघ, तालस्ताय और साइकिल | |
विविध | |
कविता संग्रह " अकाल में सारस" के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार (1989), मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार, कुमार आशान पुरस्कार (केरल), दिनकर पुरस्कार, जीवनभारती सम्मान (उड़ीसा) और व्यास सम्मान सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित। | |
जीवन परिचय | |
केदार नाथ सिंह / परिचय |
कविता संग्रह
- अभी बिल्कुल अभी / केदारनाथ सिंह
- जमीन पक रही है / केदारनाथ सिंह
- तॉल्सताय और साइकिल / केदारनाथ सिंह
- ’तीसरा सप्तक’ में शामिल रचनाएँ / केदारनाथ सिंह
- अकाल में सारस / केदारनाथ सिंह
- यहाँ से देखो / केदारनाथ सिंह
- बाघ / केदारनाथ सिंह
- उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ / केदारनाथ सिंह
- सृष्टि पर पहरा / केदारनाथ सिंह
कुछ रचनाएँ
- अंधेरे पाख का चांद / केदारनाथ सिंह
- एक नये दिन के साथ / केदारनाथ सिंह
- एक पारिवारिक प्रश्न / केदारनाथ सिंह
- एक मुकुट की तरह / केदारनाथ सिंह
- काली मिट्टी / केदारनाथ सिंह
- खोल दूं यह आज का दिन / केदारनाथ सिंह
- गर्मी में सूखते हुए कपड़े / केदारनाथ सिंह
- घड़ी / केदारनाथ सिंह
- चट्टान को तोड़ो वह सुन्दर हो जायेगी / केदारनाथ सिंह
- छोटे शहर की एक दोपहर / केदारनाथ सिंह
- जनहित का काम / केदारनाथ सिंह
- जब वर्षा शुरू होती है / केदारनाथ सिंह
- जाना / केदारनाथ सिंह
- जाड़ों के शुरू में आलू / केदारनाथ सिंह
- जूते / केदारनाथ सिंह
- जे.एन.यू. में हिंदी / केदारनाथ सिंह
- झरने लगे नीम के पत्ते बढ़ने लगी उदासी मन की / केदारनाथ सिंह
- तुम आयीं / केदारनाथ सिंह
- दाने / केदारनाथ सिंह
- दिशा / केदारनाथ सिंह
- दीपदान / केदारनाथ सिंह
- दुपहरिया / केदारनाथ सिंह
- नए कवि का दुख / केदारनाथ सिंह
- नदी / केदारनाथ सिंह
- निराला को याद करते हुए / केदारनाथ सिंह
- पानी में घिरे हुए लोग / केदारनाथ सिंह
- पूँजी / केदारनाथ सिंह
- प्रक्रिया / केदारनाथ सिंह
- फसल / केदारनाथ सिंह
- फागुन का गीत / केदारनाथ सिंह
- बढ़ई और चिड़िया / केदारनाथ सिंह
- बनारस / केदारनाथ सिंह
- बसन्त / केदारनाथ सिंह
- बादल ओ! / केदारनाथ सिंह
- बुनाई का गीत / केदारनाथ सिंह
- मंच और मचान (लम्बी कविता) / केदारनाथ सिंह
- मंच और मचान / केदारनाथ सिंह
- मुक्ति / केदारनाथ सिंह
- मेरी भाषा के लोग / केदारनाथ सिंह
- यह अग्निकिरीटी मस्तक / केदारनाथ सिंह
- यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह
- विद्रोह / केदारनाथ सिंह
- विद्रोह / केदारनाथ सिंह
- शहर में रात / केदारनाथ सिंह
- शहरबदल / केदारनाथ सिंह
- शाम बेच दी है / केदारनाथ सिंह
- सन् ४७ को याद करते हुए / केदारनाथ सिंह
- सार्त्र की क़ब्र पर / केदारनाथ सिंह
- सुई और तागे के बीच में / केदारनाथ सिंह
- सृष्टि पर पहरा (कविता) / केदारनाथ सिंह
- हक दो / केदारनाथ सिंह
- हाथ / केदारनाथ सिंह