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- 22:51, 5 अप्रैल 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,370) . . न बस्ती गाँव नगर में हैं/ कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>बस्ती गाँव नगर में हैं घर के दुश्मन घर में हैं जिनसे माँग रहा हू…) (मौजूदा)
- 22:45, 5 अप्रैल 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+58) . . कुमार अनिल
- 22:43, 5 अप्रैल 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+116) . . उसने मुझसे बोला झूठ/ कुमार अनिल (मौजूदा)
- 22:37, 5 अप्रैल 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,075) . . न उसने मुझसे बोला झूठ/ कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>उसने मुझसे बोला झूठ अपना पहला पहला झूठ ताकतवर था खूब मगर फिर भी …)
- 22:26, 5 अप्रैल 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+50) . . कुमार अनिल
- 22:15, 5 अप्रैल 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,372) . . न / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>बस्ती गाँव नगर में हैं घर के दुश्मन घर में हैं जिनसे माँग रहा हू…) (मौजूदा)
- 18:23, 10 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+88) . . कुमार अनिल
- 21:06, 6 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+2,345) . . न मेरे भारत की माटी है चन्दन और अबीर / सोम ठाकुर (नया पृष्ठ: <poem>सागर चरण पखारे, गंगा शीश चढ़ावे नीर मेरे भारत की माटी है चन्दन …) (मौजूदा)
- 20:43, 6 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+126) . . सोम ठाकुर
- 22:13, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+3,342) . . न कुछ और मुक्तक / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem> कांटो के बीच रह कर, खुश हैं गुलाब हैं हम टेढे सवाल का …)
- 22:01, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+72) . . कुमार अनिल
- 21:56, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,991) . . न तब तक कोइ दीप जला ले / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>तब तक कोई दीप जला ले माना गम की रात बडी. है, हृदय शूल सी सॉस गडी. ह…) (मौजूदा)
- 09:18, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+949) . . न आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में बस हँसे, मुस्कुराएँ नए साल में गीत ग…)
- 09:16, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+743) . . न नए वर्ष की नई सुबह का स्वागत कर लें / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>नए वर्ष की नयी सुबह का स्वागत कर लें नए सोच से, नई तरह का स्वागत क…) (मौजूदा)
- 09:13, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,303) . . न है जारी लूट हत्या का घिनौना सिलसिला अब तक / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem> है जारी लूट हत्या का घिनौना सिलसिला अब तक हमारे शहर से अम्नो अम…) (मौजूदा)
- 09:11, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,520) . . न जगमग-जगमग दीप जलाती आई एक दिवाली और / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>जगमग जगमग दीप जलाती आयी एक दिवाली और अंधियारे को आंख दिखाती आयी…) (मौजूदा)
- 09:10, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,304) . . न इस बरस होली का त्यौहार मनाएँ कैसे / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>इस बरस होली का त्यौहार मनाये कैसे जर्द चेहरों पे चटक रंग लगाये …) (मौजूदा)
- 09:08, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+871) . . न वो जो हमसे बिछड़ने लगे / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>वो जो हमसे बिछड़ने लगे दिल में काँटे से गाड़ने लगे बेवफाओं से थ…) (मौजूदा)
- 08:32, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+807) . . न आइनों का नगर देखते / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>आइनों का नगर देखते मेरा दिल झाँककर देखते दिल तो रोया मगर लब हँस…) (मौजूदा)
- 08:31, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (-3) . . छिपा हुआ हो चंदा जो बादल में कुछ / कुमार अनिल (मौजूदा)
- 08:27, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,013) . . न छिपा हुआ हो चंदा जो बादल में कुछ / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>छिपा हुआ हो चंदा जो बादल में कुछ उसका मुखड़ा चमके यूँ आँचल में क…)
- 08:26, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,318) . . न हवा के झोकों में मद्धम-सी सरसराहट है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem> हवा के झोंको में मद्धम सी सरसराहट है ये कौन आता है,किसके पगों की…) (मौजूदा)
- 08:24, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,315) . . न पखेरू सपनो के सुन्दर उड़ा उड़ा के गया / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>पखेरू सपनो के सुन्दर उड़ा उड़ा के गया ये कौन नींद की टहनी हिला ह…) (मौजूदा)
- 08:22, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,373) . . न प्रीतम चंदा से मिलने को आई थी बन दुल्हन शाम / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>प्रीतम चंदा से मिलने को आयी थी बन दुल्हन शाम वह निर्मोही आया लो …) (मौजूदा)
- 08:20, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+766) . . न और कुछ देर हँस हँसा लें चलो / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>और कुछ देर हँस हँसा लें चलो दर्द को दिल में ही छुपा लें चलो चाँद…) (मौजूदा)
- 08:02, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (-2) . . तेरा मेरा इक रिश्ता है / कुमार अनिल (मौजूदा)
- 08:01, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+605) . . न तेरा मेरा इक रिश्ता है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>तेरा मेरा इक रिश्ता है मैं प्यासा हूँ, तू दरिया है दुनिया मुझसे …)
- 07:15, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+864) . . न तुम्हारा ग़म छुपाना आ गया है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>तुम्हारा गम छुपाना आ गया है हमें भी मुस्कुराना आ गया है बहुत खु…) (मौजूदा)
- 07:13, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,032) . . न नजरें न यूँ चुराओ की मौसम उदास है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>नजरें न यूँ चुराओ कि मौसम उदास है थोड़ा सा मुस्कुराओ कि मौसम उद…) (मौजूदा)
- 07:11, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,188) . . न प्यार के बंधन तुम्हारे जब से ढीले हो गए / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>प्यार के बंधन तुम्हारे जब से ढीले हो गए कल्पनाओं के सुनहले पंख …) (मौजूदा)
- 07:09, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+863) . . न दिल को यूँ मायूस नहीं कर रहने दे / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem> दिल को यूँ मायूस नहीं कर, रहने दे अभी आँख में ख्वाब के मंजर रहने …) (मौजूदा)
- 07:07, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (-3) . . शबे गम की सहर नहीं होती / कुमार अनिल (मौजूदा)
- 07:06, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+574) . . न शबे गम की सहर नहीं होती / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem> शबे गम की सहर नहीं होती जिन्दगी अब बसर नहीं होती यूँ तो दुनिया …)
- 07:03, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+8) . . यहाँ हर आँख से सपना अलग है / कुमार अनिल (मौजूदा)
- 07:02, 2 जनवरी 2011 (अंतर | इतिहास) . . (+1,361) . . न यहाँ हर आँख से सपना अलग है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>यहाँ हर आँख से सपना अलग है गज़ब है पेड़ से साया अलग है अदब करता ह…)
- 20:56, 30 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,839) . . न गम की धूप , विरह के बादल, आँसू की बरसाते हैं / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>गम की धूप, विरह के बादल, आँसू की बरसातें हैं इस नगरी में क्या क्य…)
- 20:54, 30 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,351) . . न याद रखना जो हुए घर से जो बेघर आँसू / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>याद रखना कि हुए घर से जो बेघर आँसू तो जमीं को ही बना देंगे समंदर …)
- 20:52, 30 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,462) . . न झूठ, सच, नेकी, बदी सबका सिला मालूम है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>झूठ, सच , नेकी , बदी, सबका सिला मालूम है जिन्दगी मुझको तेरा हर फ़लस…)
- 20:50, 30 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,417) . . न पिंजरे से पंछी उड़ने में वक़्त नहीं लगता / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>पिंजरे से पंछी उड़ने में वक्त नहीं लगता चलती साँसों के रुकने मे…)
- 20:49, 30 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,330) . . न रहने दे ज़िद मत कर नाहक मान भी जा / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>रहने दे ज़िद मत कर नाहक, मान भी जा मुझ पर है इस जग का भी हक़, मान भी …)
- 20:47, 30 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,135) . . न वो मेरी आँख में ख़ुशरंग ख़्वाब छोड़ गया / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>वो मेरी आँख में खुशरंग ख़्वाब छोड़ गया उजाड़ कब्र पे ताजा गुलाब…)
- 22:50, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+795) . . न वक़्त का तीर चल गया देखो / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>वक्त का तीर चल गया देखो पल में मंजर बदल गया देखो उसकी नजरों में …)
- 22:49, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,014) . . न हमारी आँख जो पुरनम नहीं है / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>हमारी आँख जो पुरनम नहीं है न समझो हमको कोई गम नहीं है ये कह कर रो…)
- 22:47, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+948) . . न प्यार की पीर को समझता हूँ / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>प्यार की पीर को समझता हूँ जुर्मो ताजीर को समझता हूँ साफगोई से ब…)
- 22:45, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+978) . . न प्रश्न सारे आज उत्तर माँगते हैं / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>प्रश्न सारे आज उत्तर माँगते हैं थक चुके हैं ये पथिक पर माँगते ह…)
- 22:44, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,181) . . न अब न किस्से छेड़ राजा रानियों के / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>अब न किस्से छेड़ राजा रानियों के लोग भूखे हैं बहुत इन बस्तियों …)
- 22:04, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+985) . . न रात गुज़री है यूँ चराग़ों की / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>रात गुजरी है यूं चरागों की उम्र जैसे कटे अभागों की दुल्हने रोज …)
- 22:01, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+752) . . न हम हैं हिन्दू मुसलमान बस / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>हम हैं हिन्दू मुसलमान बस अपनी इतनी है पहचान बस नफरतें, दंगे, कर्…)
- 21:58, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+603) . . न मुद्दत से आँख नहीं झपकी / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>मुद्दत से आँख नहीं झपकी है कहाँ वो माँ वाली थपकी उस सुख को क्या …)
- 21:40, 29 दिसम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+748) . . न इतना छोटा क़द बच्चों का / कुमार अनिल (नया पृष्ठ: <poem>छोटा छोटा कद बच्चों का बोझ मगर कितना बस्तों का जैसी बातें करते …) (मौजूदा)
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