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क़ुली 'क़ुतुब' शाह
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क़ुली 'क़ुतुब' शाह
जन्म | 1565 |
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निधन | 1611 |
जन्म स्थान | गोलकोंडा, आन्ध्र प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
कुलीयत-ए-क़ुली 'क़ुतुब' शाह | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
क़ुली 'क़ुतुब' शाह / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- प्यारी के नयनाँ हैं जैसे कटारे / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- साक़िया आ शराब-ए-नाब कहाँ / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- सब इख़्तियार मेरा तुज हात है प्यारा / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- सकी मुख सफ़हे पर तेरे लिखिया राक़िम मलक मिसरा / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- सोने में देखिया के पीता हूँ शराब / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- तेरे होटाँ के हुके़ में थे दिला मुंज कूँ दवा / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- तेरे क़द थे सर्व ताज़ा है जम / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- तुज बिन नींद टुक नैनाँ में मुंज आती नहीं / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- उजाला जग मने झमकिया जो बाँदे बाल भोली जौं / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- ऐ नार है इस जग मने तुज मुख अजब रौशन चराग़ / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- बिरह की अग खिला समंदर कूँ / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- छबेली है सूरत हमारे सजन की / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- छबेली केस ख़ब ख़ब देख मेरे ख़यालाँ के / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- ख़बर लिया दो के मेरे तईं सो उस बे-रहम आलम का / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- ख़बर लियाया है हुदहुद मेरे तईं उस यार-ए-जानी का / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- नयन तुज घनेरू तो मंतर भर के सटाती की / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- पिया बाज पियाला जाए ना / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- पिया मुख थे चूता शराब-ए-मनव्वर / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- पिया तुज आश्ना मैं तूँ बे-गाना न कर मुंज कूँ / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
- पिया तुल इश्क़ कूँ देती हों सुद-बुद-हूर जियू दिल में / क़ुली 'क़ुतुब' शाह