भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हरिदास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र= |नाम=हरिदास |उपनाम= |जन्म= 1490 ई. अनुमानित |जन्मस्थान...) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKParichay | {{KKParichay | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र=haridas.jpg |
|नाम=हरिदास | |नाम=हरिदास | ||
|उपनाम= | |उपनाम= | ||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
|अंग्रेज़ी नाम=haridas | |अंग्रेज़ी नाम=haridas | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatBrajBhashaRachnakaar}} | |
+ | ====प्रतिनिधि रचनाएँ==== | ||
* [[तिनका बयारि के बस / हरिदास]] | * [[तिनका बयारि के बस / हरिदास]] | ||
* [[जौं लौं जीवै तौं लौं हरि भजु / हरिदास]] | * [[जौं लौं जीवै तौं लौं हरि भजु / हरिदास]] | ||
* [[गहौ मन सब रस को रस सार / हरिदास]] | * [[गहौ मन सब रस को रस सार / हरिदास]] | ||
− | + | * [[ज्यौंहिं ज्यौंहिं तुम रखत हौं / हरिदास]] | |
+ | * [[श्री वल्लभ कृपा निधान अति उदार करुनामय / हरिदास]] | ||
+ | * [[श्री वल्लभ मधुराकृति मेरे / हरिदास]] | ||
+ | * [[प्रगट व्है मारग रीत बताई / हरिदास]] | ||
+ | * [[डोल झूले श्याम श्याम सहेली / हरिदास]] | ||
+ | * [[गहौ मन सब रसको रस सार / हरिदास]] | ||
+ | * [[प्रेम समुद्र रुप रस गहिरे / हरिदास]] | ||
+ | * [[हरि को ऐसोइ सब खेल / हरिदास]] | ||
+ | * [[हरि के नाम को आलस क्यों करत है रे / हरिदास]] | ||
+ | * [[काहू को बस नाहिं तुम्हारी कृपा तें / हरिदास]] | ||
+ | * [[हित तौ कीजै कमलनैन सों / हरिदास]] |
12:16, 3 जुलाई 2015 के समय का अवतरण
हरिदास
जन्म | 1490 ई. अनुमानित |
---|---|
निधन | 1575 ई. अनुमानित |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
केलिमाल | |
विविध | |
रीतिकाल के कवि | |
जीवन परिचय | |
हरिदास / परिचय |
प्रतिनिधि रचनाएँ
- तिनका बयारि के बस / हरिदास
- जौं लौं जीवै तौं लौं हरि भजु / हरिदास
- गहौ मन सब रस को रस सार / हरिदास
- ज्यौंहिं ज्यौंहिं तुम रखत हौं / हरिदास
- श्री वल्लभ कृपा निधान अति उदार करुनामय / हरिदास
- श्री वल्लभ मधुराकृति मेरे / हरिदास
- प्रगट व्है मारग रीत बताई / हरिदास
- डोल झूले श्याम श्याम सहेली / हरिदास
- गहौ मन सब रसको रस सार / हरिदास
- प्रेम समुद्र रुप रस गहिरे / हरिदास
- हरि को ऐसोइ सब खेल / हरिदास
- हरि के नाम को आलस क्यों करत है रे / हरिदास
- काहू को बस नाहिं तुम्हारी कृपा तें / हरिदास
- हित तौ कीजै कमलनैन सों / हरिदास