भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बेहज़ाद लखनवी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(→ग़ज़लें) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKParichay | {{KKParichay | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र=Behzad Lakhnavi.jpg |
|नाम=बेहज़ाद लखनवी | |नाम=बेहज़ाद लखनवी | ||
− | |उपनाम= | + | |उपनाम=सरदार अहमद खाँ |
− | |जन्म=1895 | + | |जन्म=1 जनवरी 1895 |
− | |जन्मस्थान=लखनऊ, | + | |जन्मस्थान=लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
|मृत्यु=1974 | |मृत्यु=1974 | ||
|कृतियाँ= | |कृतियाँ= | ||
− | |विविध= | + | |विविध=इनके पिता भी अपने समय के लोकप्रिय शायर थे। घर और लखनऊ के अदबी माहौल के असर से बहज़ाद भी छोटी-सी उम्र में शे’र कहने लगे थे। |
|सम्पर्क= | |सम्पर्क= | ||
− | |अंग्रेज़ीनाम= | + | |अंग्रेज़ीनाम=Behjad Lakhnavi |
|जीवनी=[[बेहज़ाद लखनवी / परिचय]] | |जीवनी=[[बेहज़ाद लखनवी / परिचय]] | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatUttarPradesh}} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
====ग़ज़लें==== | ====ग़ज़लें==== | ||
पंक्ति 20: | पंक्ति 21: | ||
* [[तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है / बेहज़ाद लखनवी]] | * [[तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
* [[यूँ तो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए / बेहज़ाद लखनवी]] | * [[यूँ तो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[दीवाना बनाना है तो दीवाना बना दे / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[चश्म-ए-हसीं में है न रुख़-ए-फ़ित्ना-गर में है / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[दिल मेरा तेरा ताब-ए-फ़रमाँ है क्या करूँ / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[इक बेवफ़ा को दर्द का दरमाँ बना लिया / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[इक बे-वफ़ा को प्यार किया हाए क्या किया / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[फ़रियाद है अब लब पर जब अश्क-फ़िशानी थी / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[है ख़िरद-मन्दी यही बा-होश दीवाना रहे / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[होना ही क्या ज़रूर थे ये दो-जहाँ हैं क्यूँ / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[ख़ुदा को ढूँढ़ रहा था कहीं ख़ुदा न मिला / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[मसरूर भी हूँ ख़ुश भी हूँ लेकिन ख़ुशी नहीं / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[मोहब्बत मुस्तक़िल कैफ़-आफ़रीं मालूम होती है / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[तिरे इश्क़ में ज़िन्दगानी लुटा दी / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[तुझ पर मिरी मोहब्बत क़ुर्बान हो न जाए / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[उन को बुत समझा था या उन को ख़ुदा समझा था मैं / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[यूँ तो जो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[ज़िन्दा हूँ इस तरह कि ग़म-ए-ज़िन्दगी नहीं / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | ====नज़्में==== | ||
+ | * [[तुम से शिकायत क्या करूँ / बेहज़ाद लखनवी]] | ||
+ | * [[तुम याद मुझे आ जाते हो / बेहज़ाद लखनवी]] |
04:47, 18 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
बेहज़ाद लखनवी
जन्म | 1 जनवरी 1895 |
---|---|
निधन | 1974 |
उपनाम | सरदार अहमद खाँ |
जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
इनके पिता भी अपने समय के लोकप्रिय शायर थे। घर और लखनऊ के अदबी माहौल के असर से बहज़ाद भी छोटी-सी उम्र में शे’र कहने लगे थे। | |
जीवन परिचय | |
बेहज़ाद लखनवी / परिचय |
ग़ज़लें
- ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए / बेहज़ाद लखनवी
- क्या ये भी मैं बतला दूँ तू कौन है मैं क्या हूँ / बेहज़ाद लखनवी
- लब पे है फ़रियाद अश्कों की रवानी हो चुकी / बेहज़ाद लखनवी
- तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है / बेहज़ाद लखनवी
- यूँ तो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए / बेहज़ाद लखनवी
- दीवाना बनाना है तो दीवाना बना दे / बेहज़ाद लखनवी
- चश्म-ए-हसीं में है न रुख़-ए-फ़ित्ना-गर में है / बेहज़ाद लखनवी
- दिल मेरा तेरा ताब-ए-फ़रमाँ है क्या करूँ / बेहज़ाद लखनवी
- इक बेवफ़ा को दर्द का दरमाँ बना लिया / बेहज़ाद लखनवी
- इक बे-वफ़ा को प्यार किया हाए क्या किया / बेहज़ाद लखनवी
- फ़रियाद है अब लब पर जब अश्क-फ़िशानी थी / बेहज़ाद लखनवी
- है ख़िरद-मन्दी यही बा-होश दीवाना रहे / बेहज़ाद लखनवी
- होना ही क्या ज़रूर थे ये दो-जहाँ हैं क्यूँ / बेहज़ाद लखनवी
- ख़ुदा को ढूँढ़ रहा था कहीं ख़ुदा न मिला / बेहज़ाद लखनवी
- ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ / बेहज़ाद लखनवी
- मसरूर भी हूँ ख़ुश भी हूँ लेकिन ख़ुशी नहीं / बेहज़ाद लखनवी
- मोहब्बत मुस्तक़िल कैफ़-आफ़रीं मालूम होती है / बेहज़ाद लखनवी
- तिरे इश्क़ में ज़िन्दगानी लुटा दी / बेहज़ाद लखनवी
- तुझ पर मिरी मोहब्बत क़ुर्बान हो न जाए / बेहज़ाद लखनवी
- उन को बुत समझा था या उन को ख़ुदा समझा था मैं / बेहज़ाद लखनवी
- यूँ तो जो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए / बेहज़ाद लखनवी
- ज़िन्दा हूँ इस तरह कि ग़म-ए-ज़िन्दगी नहीं / बेहज़ाद लखनवी