भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मानोशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(→गीत) |
|||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
* '''[[उन्मेष / मानोशी]]''' | * '''[[उन्मेष / मानोशी]]''' | ||
====गीत==== | ====गीत==== | ||
− | *[[तोड़ कर सब वर्जनाएँ / मानोशी]] | + | * [[तोड़ कर सब वर्जनाएँ / मानोशी]] |
− | *[[माँ तुम प्रथम बनी गुरु मेरी / मानोशी]] | + | * [[मेरे अधरों ने गाये जो गीत तुम्हारे / मानोशी]] |
− | *[[कौन किसे कब रोक सका है / मानोशी]] | + | * [[माँ तुम प्रथम बनी गुरु मेरी / मानोशी]] |
− | *[[अजनबी लगने लगे क्यों दो पथिक इक राह के / मानोशी]] | + | * [[कौन किसे कब रोक सका है / मानोशी]] |
− | *[[माँ तेरी यादों के आगे / मानोशी]] | + | * [[अजनबी लगने लगे क्यों दो पथिक इक राह के / मानोशी]] |
− | *[[अनगिन तारों में इक तारा ढूंढ रहा मन / मानोशी]] | + | * [[माँ तेरी यादों के आगे / मानोशी]] |
− | *[[पागल मन यूँ ही उदास है / मानोशी]] | + | * [[अनगिन तारों में इक तारा ढूंढ रहा मन / मानोशी]] |
− | *[[आना जाना रीत पुरानी /मानोशी]] | + | * [[पागल मन यूँ ही उदास है / मानोशी]] |
− | *[[तुम ना आना अब सपनों में / मानोशी]] | + | * [[आना जाना रीत पुरानी /मानोशी]] |
− | *[[गीत में मैं अब तुम्हें लिख नहीं पाती / मानोशी]] | + | * [[तुम ना आना अब सपनों में / मानोशी]] |
− | *[[परदेस में गर्मी - अभी बहुत है देर / मानोशी]] | + | * [[गीत में मैं अब तुम्हें लिख नहीं पाती / मानोशी]] |
− | *[[मौसमों के रंग बिखरे / मानोशी]] | + | * [[परदेस में गर्मी - अभी बहुत है देर / मानोशी]] |
− | *[[गीत फिर मैं लिख रही हूँ / मानोशी]] | + | * [[मौसमों के रंग बिखरे / मानोशी]] |
− | *[[दोपहर की धूप में हम / मानोशी]] | + | * [[गीत फिर मैं लिख रही हूँ / मानोशी]] |
− | *[[शीश झुका कर ज्यों रोये हैं / मानोशी]] | + | * [[दोपहर की धूप में हम / मानोशी]] |
− | *[[कितने ही सीपी सागर में / मानोशी]] | + | * [[शीश झुका कर ज्यों रोये हैं / मानोशी]] |
− | *[[जीवन बस अपना होता है / मानोशी]] | + | * [[कितने ही सीपी सागर में / मानोशी]] |
+ | * [[जीवन बस अपना होता है / मानोशी]] | ||
* [[पतझड़ की पगलाई धूप / मानोशी]] | * [[पतझड़ की पगलाई धूप / मानोशी]] | ||
* [[तुम नहीं होते अगर / मानोशी]] | * [[तुम नहीं होते अगर / मानोशी]] | ||
पंक्ति 46: | पंक्ति 47: | ||
* [[फिर फागुन आया / मानोशी]] | * [[फिर फागुन आया / मानोशी]] | ||
* [[कोई साथ नहीं देता है / मानोशी]] | * [[कोई साथ नहीं देता है / मानोशी]] | ||
− | *[[बहुत सुन्दर है हमारा कल यकीनन /मानोशी]] | + | * [[बहुत सुन्दर है हमारा कल यकीनन /मानोशी]] |
* [[पुन: शीत का आँचल फहरा / मानोशी]] | * [[पुन: शीत का आँचल फहरा / मानोशी]] | ||
* [[स्वार्थ मेरा रोकता है / मानोशी]] | * [[स्वार्थ मेरा रोकता है / मानोशी]] | ||
पंक्ति 56: | पंक्ति 57: | ||
* [[जीवन का हर पल / मानोशी]] | * [[जीवन का हर पल / मानोशी]] | ||
* [[प्यार का रंग / मानोशी]] | * [[प्यार का रंग / मानोशी]] | ||
+ | * [[सनी हुई मैं प्रेम रंग में / मानोशी]] | ||
* [[छू आई बादल के गांव / मानोशी]] | * [[छू आई बादल के गांव / मानोशी]] | ||
* [[हाय! मैं बन बन भटकी जाऊं / मानोशी]] | * [[हाय! मैं बन बन भटकी जाऊं / मानोशी]] | ||
पंक्ति 63: | पंक्ति 65: | ||
* [[प्रिय क्या वह दे पाओगे तुम / मानोशी]] | * [[प्रिय क्या वह दे पाओगे तुम / मानोशी]] | ||
* [[चलो हम आज / मानोशी]] | * [[चलो हम आज / मानोशी]] | ||
− | *[[खिल रही खिल-खिल हंसी]] | + | * [[खिल रही खिल-खिल हंसी]] |
− | *[[नए भवन में नयी गृहस्थी / मानोशी]] | + | * [[नए भवन में नयी गृहस्थी / मानोशी]] |
* [[दीप पर अपने शिखा को / मानोशी]] | * [[दीप पर अपने शिखा को / मानोशी]] | ||
* [[काश! / मानोशी]] | * [[काश! / मानोशी]] | ||
पंक्ति 70: | पंक्ति 72: | ||
* [[नव-वर्ष / मानोशी]] | * [[नव-वर्ष / मानोशी]] | ||
* [[तुम्हारे संग कुछ पल चाहता हूँ / मानोशी]] | * [[तुम्हारे संग कुछ पल चाहता हूँ / मानोशी]] | ||
− | *[[दुर्गा पूजा / मानोशी]] | + | * [[दुर्गा पूजा / मानोशी]] |
====ग़ज़लें==== | ====ग़ज़लें==== |
08:28, 26 अगस्त 2019 का अवतरण
मानोशी
www.kavitakosh.org/manoshi
www.kavitakosh.org/manoshi
जन्म | 16 जनवरी 1973 |
---|---|
जन्म स्थान | कोरबा, छत्तीसगढ़ |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
उन्मेष (अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद) | |
विविध | |
पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर महाविध्यालय से "संगीत विशारद" की उपाधि | |
जीवन परिचय | |
मानोशी / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/manoshi |
पुस्तकें
गीत
- तोड़ कर सब वर्जनाएँ / मानोशी
- मेरे अधरों ने गाये जो गीत तुम्हारे / मानोशी
- माँ तुम प्रथम बनी गुरु मेरी / मानोशी
- कौन किसे कब रोक सका है / मानोशी
- अजनबी लगने लगे क्यों दो पथिक इक राह के / मानोशी
- माँ तेरी यादों के आगे / मानोशी
- अनगिन तारों में इक तारा ढूंढ रहा मन / मानोशी
- पागल मन यूँ ही उदास है / मानोशी
- आना जाना रीत पुरानी /मानोशी
- तुम ना आना अब सपनों में / मानोशी
- गीत में मैं अब तुम्हें लिख नहीं पाती / मानोशी
- परदेस में गर्मी - अभी बहुत है देर / मानोशी
- मौसमों के रंग बिखरे / मानोशी
- गीत फिर मैं लिख रही हूँ / मानोशी
- दोपहर की धूप में हम / मानोशी
- शीश झुका कर ज्यों रोये हैं / मानोशी
- कितने ही सीपी सागर में / मानोशी
- जीवन बस अपना होता है / मानोशी
- पतझड़ की पगलाई धूप / मानोशी
- तुम नहीं होते अगर / मानोशी
- श्रांत मन का एक कोना / मानोशी
- क्या यही कम है कि यह जीवन मिला / मानोशी
- शेष समय इतना करना / मानोशी
- तुम्हारे संग कुछ पल चाहता हूँ / मानोशी
- फिर फागुन आया / मानोशी
- कोई साथ नहीं देता है / मानोशी
- बहुत सुन्दर है हमारा कल यकीनन /मानोशी
- पुन: शीत का आँचल फहरा / मानोशी
- स्वार्थ मेरा रोकता है / मानोशी
- आ उठ चल, बाहर जीवन है / मानोशी
- लौट चल मन / मानोशी
- सखि बसंत आया / मानोशी
- गर्मी के दिन फिर से आये / मानोशी
- प्रिय, करो तुम याद / मानोशी
- जीवन का हर पल / मानोशी
- प्यार का रंग / मानोशी
- सनी हुई मैं प्रेम रंग में / मानोशी
- छू आई बादल के गांव / मानोशी
- हाय! मैं बन बन भटकी जाऊं / मानोशी
- प्रिय क्या हो जो हम बिछडें तो / मानोशी
- एक सपना जी रही हूँ / मानोशी
- बाट तेरी जोहती हूँ / मानोशी
- प्रिय क्या वह दे पाओगे तुम / मानोशी
- चलो हम आज / मानोशी
- खिल रही खिल-खिल हंसी
- नए भवन में नयी गृहस्थी / मानोशी
- दीप पर अपने शिखा को / मानोशी
- काश! / मानोशी
- वंदना/भजन / मानोशी
- नव-वर्ष / मानोशी
- तुम्हारे संग कुछ पल चाहता हूँ / मानोशी
- दुर्गा पूजा / मानोशी
ग़ज़लें
- कोई खुश्बू कहीं से आती है / मानोशी
- कहने को तो वो मुझे अपनी निशानी दे गया / मानोशी
- दोस्त बन कर मुकर गया कोई / मानोशी
- मैं खुद हाथ आगे बढ़ाता नहीं हूँ / मानोशी
- मुझसे है ये सारी दुनिया मान कर छलता रहा / मानोशी
- तेरा मेरा रिश्ता क्या है / मानोशी
- लोग मुझको कहें ख़राब तो क्या / मानोशी
- हर हुनर हम में नहीं है / मानोशी
- ये जहां मेरा नहीं है / मानोशी
- हज़ार किस्से सुना रहे हो / मानोशी
- लाख चाहो फिर भी मिलता सब नहीं है / मानोशी
- आशना हो कर कभी ना आशना हो जाएगा / मानोशी
- आपकी आँखों में मुझको मिल गयी है ज़िंदगी / मानोशी
- दुआ में मेरी यूँ कुछ असर हो / मानोशी
- आपकी यादों को जाते उम्र इक लग जायेगी / मानोशी
- मैं राह में गिरा तो जैसे टूट कर बिखर गया / मानोशी
- दे कर अपना एक पल वो मुझ पे अहसान कर गए / मानोशी
- जो अंधेरों से उठे तो फिर उजाला बन गए / मानोशी
- बाबुल की कच्ची कलियाँ हैं / मानोशी
- हज़ारों हैं खुशियाँ यहाँ ज़िंदगी में / मानोशी