भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
त्रिपुरारि कुमार शर्मा
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:12, 28 मई 2011 का अवतरण
त्रिपुरारि कुमार शर्मा
www.kavitakosh.org/tripurari
www.kavitakosh.org/tripurari
जन्म | 05 दिसंबर 1988 |
---|---|
जन्म स्थान | एरौत (समस्तीपुर) बिहार, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
हिन्दी, उर्दू और मैथिली में कविता, ग़ज़ल और कहानी लेखन | |
जीवन परिचय | |
त्रिपुरारि कुमार शर्मा / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/tripurari |
कविता <sort order="asc" class="ul">
- ख़ुदकशी / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- बचपन / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- हिन्दुस्तान की हालत / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- औरत की तरह / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- बेबस ज़िंदगी / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- क्षितिज के उस पार / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- जीवन का अर्थ / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- शाम की साज़िश / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- स्टोर रूम / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- सोचता हूँ / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- सोया हुआ शायर / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- सम्बंध / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मेरा दुख / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- टूटी हुई नज़र / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- अलविदा / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- एलबम / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- लहूलुहान हुई है ये जिंदगी देखो / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- गे (Gay) / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
</sort>
ग़ज़ल <sort order="asc" class="ul">
</sort>
त्रिवेणी <sort order="asc" class="ul">
- माँ से जब भी फ़ोन पर बात होती है / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- बहुत देर तक खामोश रही तुम / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- रात भर मैं तुम्हें छू न सका / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- हॉट-पॉट में रखा है अब भी गर्म चाँद / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मैं ख़ुद मैं उलझा रहता हूँ इतना / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मेरी एक आँख में रात अभी सोई है / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मुद्दतों पहले हमारी दोस्ती हुई थी / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- बहता जाता है अँधेरा भरा दरिया / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- फिर मेरे आँगन में चांदनी नही आई / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- तुम्हारा रंग है इस तरह मेरी आंखों में / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- तड़प रहा है धूप का टुकड़ा / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- चाँद चुटकी भर रख दिया किसी ने / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- किसी सराय की तरह है जिंदगी मेरी / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- क़र्ज़ लेकर अपनी उम्र के लम्हों से / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- इश्क जब भी जूनून होता है / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- फिर मुझसे कभी आईना देखा न गया / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- माँ मै घर तो आना चाहता हूँ पर / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मैं कल गया था 'निराला' के बाग़ में / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मैं तड़पता रह गया कल रात / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- सरे बाज़ार जब तनहा निकला / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मेरे कमरे के कोने में अब भी रोज़ाना / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- कुछ तो मैं, मेरा ऑफिस और मेरे काम / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- एक सदी से मैं तेरे बग़ैर सो न सका / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मेरे ऑफिस में अब मेरा दिन का शिफ़्ट / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- सोचता हूँ कि खुदकशी कर लूँ – हमने कहा / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- हमने अब तक नहीं कहा उसको / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- तमाम रंग से गुज़री है छोटी उम्र मेरी / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- हज़ारों रंग से बिखरे हैं चारसू मेरे / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- ग़ज़ल ने तोड़ दी आख़िर हर एक हद अपनी / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- तुम्हारी याद ने जब भी मुझे सदा दी है / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- मुझे मालूम है दर्द-ओ-अलम अपना / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- तुम्हारी गीली-गीली स्याह-सी आँखों में / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
- कुछ लोग मेरी ज़िंदगी से जीत कर गये / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
</sort>