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सुकून की तलाश / शमशेर बहादुर सिंह
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सुकून की तलाश
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रचनाकार | शमशेर बहादुर सिंह |
---|---|
प्रकाशक | वाणी प्रकाशन |
वर्ष | 1998 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
ग़ज़लें
- चुपके से कोई कहता है / शमशेर बहादुर सिंह
- अपने दिल का हाल यारो / शमशेर बहादुर सिंह
- फिर किसी को / शमशेर बहादुर सिंह
- ईमान गड़बड़ी में है / शमशेर बहादुर सिंह
- यहाँ कुछ रहा हो / शमशेर बहादुर सिंह
- 'आए भी वो गए भी वो' / शमशेर बहादुर सिंह
- फिर निगाहों ने तेरी / शमशेर बहादुर सिंह
- मैं आपसे कहने को ही था / शमशेर बहादुर सिंह
- बहुत काम बाक़ी है / शमशेर बहादुर सिंह
- कहो तो क्या न कहें / शमशेर बहादुर सिंह
- ये कैसे कवि का बग़ीचा है / शमशेर बहादुर सिंह
- जहाँ में अब तो जितने रोज़ / शमशेर बहादुर सिंह
- वो दुश्मन मेरा इतना अच्छा / शमशेर बहादुर सिंह
- राह तो एक थी हम दोनों की / शमशेर बहादुर सिंह
- उलट गए सारे पैमाने / शमशेर बहादुर सिंह
- भूला हुआ था आज तलक / शमशेर बहादुर सिंह
- कहता है बाजुओं का ज़ोर / शमशेर बहादुर सिंह
- वही उम्र का एक पल कोई लाए / शमशेर बहादुर सिंह
- अंदाज़ा ही बहक न गय था / शमशेर बहादुर सिंह
- मैं गया आप क्यों हुए मगमूम / शमशेर बहादुर सिंह
- ये शोख़ चाल तेरी काफ़िराना / शमशेर बहादुर सिंह
- बन्दगी इक मुक़ाम था / शमशेर बहादुर सिंह
रूबाई और क़िता
- हम अपने ख़याल को / शमशेर बहादुर सिंह
- यह मन इस लोक में / शमशेर बहादुर सिंह
- था बहती सदफ़ में बन्द / शमशेर बहादुर सिंह
- वह काम मुरादाबाद में हम कर आए / शमशेर बहादुर सिंह
- राष्ट्रीय स्वतंत्र्ता दिवस पूर्व की ईद / शमशेर बहादुर सिंह
- यह काम नहीं है कामचोरी है महज़ / शमशेर बहादुर सिंह
- हैं आसमाने-हिन्द के तरे दोनों / शमशेर बहादुर सिंह
- बनियों ने समाजवाद को जोखा है / शमशेर बहादुर सिंह
- कितना ज़लज़ला कितना तूफ़ान आया / शमशेर बहादुर सिंह
- आप भी किस हवा में हैं शमशेर / शमशेर बहादुर सिंह
- जगह-जगह तेरी बातें थीं / शमशेर बहादुर सिंह
नज़्में
- गजानन माधव मुक्तिबोध / शमशेर बहादुर सिंह
- स्व. भारतभूशण अग्रवाल / शमशेर बहादुर सिंह
- ईरान और अफ़्गानिस्तान / शमशेर बहादुर सिंह
- मुझको मिलते हैं अदीब / शमशेर बहादुर सिंह
- धार्मिक दंगों की राजनीति / शमशेर बहादुर सिंह
- हमारे सिवा इसका रस कौन जाने ! / शमशेर बहादुर सिंह
- तुर्कमान गेट / शमशेर बहादुर सिंह
- आओ ! / शमशेर बहादुर सिंह
- रेडियो पर एक यूरोपीय संगीत सुनकर / शमशेर बहादुर सिंह
- यह क्या सुना है मैंने / शमशेर बहादुर सिंह
- हैवाँ ही सही / शमशेर बहादुर सिंह
- बहुत सीधे-से प्रश्न / शमशेर बहादुर सिंह
- राजनीतिक करवटें, 1948 / शमशेर बहादुर सिंह
- स्वर्गीया रज़िया सज्जाद ज़हीर / शमशेर बहादुर सिंह
- नाविक 'विद्रोहियों' पर बमबारी / शमशेर बहादुर सिंह
- टूटी हुई, बिखरी हुई / शमशेर बहादुर सिंह
कुछ शेर