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ज़ेब गौरी
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ज़ेब गौरी
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जन्म | 1928 |
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निधन | 1985 |
जन्म स्थान | भारत । |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
ज़ेब गौरी / परिचय |
ग़ज़लें <sort order="asc" class="ul">
- हो चुके गुम सारे ख़द-ओ-खाल-ए-मंज़र और मैं / ज़ेब गौरी
- मुझ ऐसे वामांदा-ए-जाँ को / ज़ेब गौरी
- तूँ बेख़बर हो तो कुछ हाल-ए-दिल सुनाऊँ तुझे / ज़ेब गौरी
- सब तिलिस्म-ए-हर्फ़-ओ-अफ़सून-ए-नवा ले जाएगी / ज़ेब गौरी
- झुके हुए पेड़ों के तनों पर छाप है चंचल धारे की / ज़ेब गौरी
- इक पीली चमकीली चिड़िया काली आँख नशीली-सी / ज़ेब गौरी
- बुझते सूरज ने लिया फिर से संभाला कैसा / ज़ेब गौरी
- इक गौहर आँसू का न छोड़ा दिल की जोत जगाने को / ज़ेब गौरी
- यहीं उड़ रहा था वो कोहसार में / ज़ेब गौरी
- ऐसी वीरानी में साया कैसा, सेराबी कैसी / ज़ेब गौरी
- बे-हिसी पर मेरी वो ख़ुश था / ज़ेब गौरी
- बेकराँ दश्त-ए-बे-सदा मेरे / ज़ेब गौरी
- एक किरन बस रौशनियों में / ज़ेब गौरी
- ग़ार के मुँह से चट्टान हटाने के लिए / ज़ेब गौरी
- है बहुत ताक़ वो बे-दाद में डर / ज़ेब गौरी
- हवा में उड़ता कोई ख़ंजर जाता है / ज़ेब गौरी
- ख़ाक आईना दिखाती है के / ज़ेब गौरी
- ख़ंजर चमका रात का सीना चाक हुआ / ज़ेब गौरी
- लहर लहर क्या जगमग जगमग / ज़ेब गौरी
- मैं छू सकूँ तुझे मेरा ख़याल-ए-ख़ाम है / ज़ेब गौरी
- मरने का सुख जीने की आसानी दे / ज़ेब गौरी
- मुराद-ए-शिकवा नहीं लुत्फ़-ए-गुफ़्तुगू / ज़ेब गौरी
- रास्ते में कहीं खोना ही तो है / ज़ेब गौरी
- रात दमकती है रह रह कर मद्धम सी / ज़ेब गौरी
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