तारा सिंह की रचनाएँ
डा० (श्रीमती) तारा सिंह
जन्म | 10 अक्तूबर 1952 |
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जन्म स्थान | भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
एक बूँद की प्यासी, सिसक रही दुनिया, एक दीप जला लेना, साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली,एक पालकी चार कहार, हम पानी में भी खोजते रंग, रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर, अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख, यह जीवन प्रातः समीरण सा लघु है प्रिये, तम की धार पर डोलती जगती की नौका,विषाद नदी से उठ रही ध्वनि,नदिया-स्नेह बूँद सिकता बनती,नगमें हैं मेरे दिल के,यह जग केवल स्वप्न आसार | |
विविध | |
फिल्मी गीत -हिन्दी फिल्म 'सिपाही जी' के लिए टायटिल गीत, सहयोगी काव्य - संकलन प्रकाशित -- 35, जीवन वृत् प्रकाशित-- एफ्रो एशियन हूज हू खंड १ एवं एशिया पॅशिफिक खंद ६ में प्रकाशित। | |
जीवन परिचय | |
तारा सिंह / परिचय |
- आ रहा है गाँधी फिर से / तारा सिंह
- अभी मरने की बात कहाँ / तारा सिंह
- दहाड़ उठता है, विवश माँ का हृदय / तारा सिंह
- जितना मुझसे हो सका, उतना मैंने किया / तारा सिंह
- औरत हूँ, ताकतवर भी,कमजोर भी / तारा सिंह
- द्यूत क्रीड़ा-गृह है, सजा हुआ / तारा सिंह
- प्रेम रोग / तारा सिंह
- आओ हम धरा को स्वर्ग बना लें / तारा सिंह
- रात काटती प्रहरी -सा / तारा सिंह
- प्रियतम बिन जीऊँ कैसे / तारा सिंह
- ऐ सुन ! मतवाली घटा / तारा सिंह
- फूलों को फूल ही रहने दें / तारा सिंह
- जिंदगी, एक दरिया है / तारा सिंह
- जीवन, तू अविरल बहता रहे / तारा सिंह
- माँ, मुझे चाँद ला दो / तारा सिंह
- क्या तुम इतना नहीं जानते हो ? / तारा सिंह
- यह कैसा त्योहार / तारा सिंह
- दीप्ति ही तुम्हारी सौन्दयता है / तारा सिंह
- विरक्ति के भार से जिंदगी जब थक जाती है / तारा सिंह
- मेरा प्रियतम आया है बावन साल बाद / तारा सिंह
- यह जग विस्मय से हुआ है निर्मित / तारा सिंह
- अब परिरंभ मुकुल में रहता हूँ बंदी अलि-सा / तारा सिंह
- माँ की ममता / तारा सिंह
- जब से चक्षु मिलन हुआ तुमसे / तारा सिंह
- आँख उनसे मिली तो सजल हो गई / तारा सिंह
- मेरी आँखों में किरदार नजर आता है / तारा सिंह
- भीड़ भरी सड़कें सूनी - सी लगती है / तारा सिंह