आलम शेख
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जन्म | 1623 |
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उपनाम | आलम |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
माधवानल-काम-कंदला, श्याम-सनेही, सुदामा चरित,आलम-केलि। | |
विविध | |
रीतिकाल के कवि | |
जीवन परिचय | |
आलम / परिचय |
- ऐसौ बारौ बार याहि बाहरौ न जान दीजै / आलम
- कँज की सी कोर नैना ओरनि अरुन भई / आलम
- कछु न सुहात पै उदास परबस बास / आलम
- कैधौं मोर सर तजि / आलम
- चन्द को चकोर देखै निसि दिन करै लेखै / आलम
- चंद्रिका चकोर देखै निसि दिन करै लेखै / आलम
- चारोंदस भोन जाके रवा एक रेनु को सो / आलम
- जसुदा के अजिर बिराजें मनमोहन जू / आलम
- जा थल कीन्हें बिहार अनेकन / आलम
- झीनी सी झँगूली बीच झीनो आँगु झलकतु / आलम
- ढौरी कौन लागी ढुरि जैबे की सिगरो दिन / आलम
- दाने की न पानी की / आलम
- दैहों दधि मधुर धरनि धरयौ छोरि खैहै / आलम
- नव रसमय मूरति सदा / आलम
- निधरक भई, अनुगवति है नन्द घर / आलम
- पालने खेलत नन्द-ललन छलन बलि / आलम
- प्रेमरंग-पगे जगमगे जगे / आलम
- बीस बिधि आऊँ दिन बारीये न पाऊँ और / आलम
- मन की सुहेली सब करतीं सुहागिनि सु / आलम
- रात के उनींदे अरसाते / आलम
- सुधा को समुद्र तामें, तुरे है नक्षत्र कैधों / आलम
- सौरभ सकेलि मेलि केलि ही की बेलि कीन्हीं / आलम