मनमोहन 'तल्ख़'
जन्म | 1931 |
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निधन | 2001 |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
मनमोहन 'तल्ख़' / परिचय |
ग़ज़लें
- आएँ आँसू अगर आँखों में तो बस पी जाएँ / मनमोहन 'तल्ख़'
- अभी शुऊर ने बस दुखती रग टटोली है / मनमोहन 'तल्ख़'
- बहुत हैं रोज़-ए-सवाब-ओ-गुनाह देखने को / मनमोहन 'तल्ख़'
- खोलेगा राज़ कौन तेरी काएनात के / मनमोहन 'तल्ख़'
- किसी के साथ न होने के दुख भी झेले हैं / मनमोहन 'तल्ख़'
- कुछ देर तो सब कुछ टूटने का माहौल रहा / मनमोहन 'तल्ख़'
- मैं ख़ुद को हर इक सम्त से घेर कर / मनमोहन 'तल्ख़'
- साबित ये करूँगा के हूँ या नहीं हूँ मैं / मनमोहन 'तल्ख़'
- सदाओं का न ख़ला देख कर डरा मझ को / मनमोहन 'तल्ख़'
- ये शहर शहर सर-ए-आम अब मुनादी है / मनमोहन 'तल्ख़'
- यूँही नहीं हम बोलते जाते ये अपनी मजबूरी है / मनमोहन 'तल्ख़'
- ज़माना है के मुझे रोज़ शाम डस्ता है / मनमोहन 'तल्ख़'
- ज़िक्र है दर्द का इक शहर बसा है मुझ से / मनमोहन 'तल्ख़'