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अपअललोन ग्रिगोरिइफ़
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अपअललोन ग्रिगोरिइफ़
जन्म | 28 जुलाई 1822 |
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निधन | 07 अक्तूबर 1864 |
उपनाम | Аполло́н Алекса́ндрович Григо́рьев |
जन्म स्थान | मसक्वा, रूस |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
1844 में इनकी कविताएँ छपने शुरू हुईं। कविताओं के साथ ही नाटकों की और कथाकृतियों की आलोचना व समीक्षाएँ करने लगे। दो साल बाद इन्होंने ख़ुद भी लघु उपन्यास और संस्मरण आदि लिखने शुरू कर दिए। | |
विविध | |
इनके कुछ गीत और प्रेमगीत आज डेढ़ सौ साल गुज़र जाने के बाद भी रूसियों की ज़ुबान पर बने हुए हैं। रूसी दुनिया, रूसी शब्द और रूसी बातचीत जैसी साहित्यिक पत्रिकाओं के सम्पादकीय सहयोगी रहे। | |
जीवन परिचय | |
अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- सात सुरों वाली दोस्त / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / अनिल जनविजय
- उन्होंने मुझे इतना सताया / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / अनिल जनविजय
- उमस भरी है शाम ये / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / अनिल जनविजय
- हंगरी की बंजारन / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / अनिल जनविजय
- मैं प्यार करता हूँ आपको / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / अनिल जनविजय
- प्रार्थना / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह
- अलिकसान्दर वरलामफ़ के लिए / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह
- अलग हुए हम ... / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह
- अलविदा / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह
- व्यंग्य के अधूरे संकलन से एक अंश / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह
- एलबम के मालिकों के लिए / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह
- हमारे युग के नायकों के लिए / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह
- दो सॉनेट / अपअललोन ग्रिगोरिइफ़ / वरयाम सिंह