तय तो यही हुआ था

| रचनाकार | शरद बिलौरे | 
|---|---|
| प्रकाशक | परिमल प्रकाशन, 743, मोतीलाल नेहरू नगर, इलाहाबाद-211002 | 
| वर्ष | 1982 | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविताएँ | 
| विधा | |
| पृष्ठ | 88 | 
| ISBN | |
| विविध | कवि शरद बिलौरे की मृत्यु के बाद कवि राजेश जोशी ने शरद बिलौरे की कुल सौ कविताओं में से चवालिस कविताओं का यह संग्रह सम्पादित किया । इसी कारण ये कविताएँ सुरक्षित रह गईं । | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- विलक्षण कवि शरद बिलौरे (राजेश जोशी) / शरद बिलौरे
 - भाषा / शरद बिलौरे
 - तब एक कविता लिखी गई होगी / शरद बिलौरे
 - धरती / शरद बिलौरे
 - मनु का आसमान / शरद बिलौरे
 - ये पहाड़ वसीयत हैं / शरद बिलौरे
 - पत्थर / शरद बिलौरे
 - पेड़ / शरद बिलौरे
 - तय तो यही हुआ था (कविता) / शरद बिलौरे
 - बच्चा और टिड्डा / शरद बिलौरे
 - तहख़ाने में / शरद बिलौरे
 - छोटे की ज़िम्मेदारी / शरद बिलौरे
 - साइकिल / शरद बिलौरे
 - यात्रा (एक) / शरद बिलौरे
 - यात्रा (दो) / शरद बिलौरे
 - यात्रा (तीन) / शरद बिलौरे
 - यात्रा (चार) / शरद बिलौरे
 - यात्रा (पाँच) / शरद बिलौरे
 - यात्रा (छह) / शरद बिलौरे
 - यात्रा (सात) / शरद बिलौरे
 - यात्रा (आठ) / शरद बिलौरे
 - नदी (एक) / शरद बिलौरे
 - नदी (दो) / शरद बिलौरे
 - साँप / शरद बिलौरे
 - समुद्र-मंथन / शरद बिलौरे
 - मेरे बच्चे / शरद बिलौरे
 - मैं गाँव गया था / शरद बिलौरे
 - सब डरते हैं / शरद बिलौरे
 - बैल / शरद बिलौरे
 - दुश्मन / शरद बिलौरे
 - तीन दिनों से / शरद बिलौरे
 - गेहूँ / शरद बिलौरे
 - हरिया / शरद बिलौरे
 - बरसात / शरद बिलौरे
 - चिड़िया (एक) / शरद बिलौरे
 - चिड़िया (दो) / शरद बिलौरे
 - कवि (एक) / शरद बिलौरे
 - कवि (दो) / शरद बिलौरे
 - ग़ालिब को सुनते हुए / शरद बिलौरे
 - अभी तक / शरद बिलौरे
 - मेरी कहानी / शरद बिलौरे
 - और मैं सिगरेट पीता हूँ / शरद बिलौरे
 - रात / शरद बिलौरे
 - अब जबकि तुम इस शहर में नहीं हो / शरद बिलौरे
 - तुम मुझे उगने तो दो / शरद बिलौरे