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कवितायें (भक्ति विषयक) / प्रेम नारायण 'पंकिल'
Kavita Kosh से
- मुझे पाती लिखना सिखला दो / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- सुधि उमड़ती रहे बदलियों की तरह / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मेरे जीवन की पढ़ाई हो जाये / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मौन बैठे हो क्यो मेरे अशरण शरण / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- खेल ही खेल में खो रहा हूँ समय / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- बना धूल रख मुझको अपनी गली में / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- किससे मागूँगा सम्बल तुम्हारे बिना / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- कैसे दुखिया जी बहलाऊँ / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मति हाय ईश-रॅंग रॅंगी नहीं / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- खोटा सिक्का भी चल जाये / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मुझको छोड़ो मनमीत नहीं / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- हो जाय बात तुमसे साक्षात् मेरे भगवन / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- सब बदल जाँय कैसे आप बदल जाते हैं / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- हो कहाँ छिपाये गात देवता मेरे / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- ढालते जाँय इस जीवन को / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- ढुलमुल विश्वास नहीं देना / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मुझ निरालम्ब के बल तुम्ही सच्चे प्रभु / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मैं शरणागत हूँ स्वामि करो सुनवाई / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- कैसे नाथ जुटा पाऊँगा राम-मिलन का ख्वाब / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मत देखो मेरा भाव अम्ब / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- बढ़ रही वासना की विशाल बीमारी / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- राम तुम कैसे हो / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- प्राण-नाथ मत रूठो करूणा-दृग खोलो / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- सबको छोड़ तुम्हारे आगे आया रोता-गाता / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- कब पूरेगा यह सपना / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- रख लो दयामय शरण में / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मैं खड़ा दयामयि हाथ जोड़ / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- देर बड़ी हो रही दयानिधि / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मेरे प्राणेश न याद मुझे / प्रेम नारायण 'पंकिल'
- मुझसे अपनी नित ऐसी आरती / प्रेम नारायण 'पंकिल'