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कबीर
www.kavitakosh.org/kabir
www.kavitakosh.org/kabir
जन्म | 1398 |
---|---|
निधन | 1518 |
उपनाम | कबीरा |
जन्म स्थान | भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
बीजक, कबीर ग्रंथावली और कबीर रचनावली | |
विविध | |
कबीर की रचनाओं में अनेक भाषाओँ के शब्द मिलते हैं यथा - अरबी, फारसी, भोजपुरी, पंजाबी, बुन्देलखंडी, ब्रज, खड़ीबोली आदि के शब्द मिलते हैं इसलिए इनकी भाषा को 'पंचमेल खिचड़ी' या 'सधुक्कड़ी' भाषा कहा जाता है | |
जीवन परिचय | |
कबीर / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/kabir |
- दोहावली / कबीर (दोहों का संकलन)
- कबीर ग्रंथावली / कबीर (कविता संकलन)
<sort order="asc" class="ul">
- काहे री नलिनी तू कुमिलानी / कबीर
- मन मस्त हुआ तब क्यों बोलै / कबीर
- रहना नहिं देस बिराना है / कबीर
- कबीर की साखियाँ / कबीर
- हमन है इश्क मस्ताना / कबीर
- कबीर के पद / कबीर
- नीति के दोहे / कबीर
- मोको कहां / कबीर
- तेरा मेरा मनुवां / कबीर
- बहुरि नहिं आवना या देस / कबीर
- बीत गये दिन भजन बिना रे / कबीर
- नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार / कबीर
- राम बिनु तन को ताप न जाई / कबीर
- करम गति टारै नाहिं टरी / कबीर
- भजो रे भैया राम गोविंद हरी / कबीर
- दिवाने मन, भजन बिना दुख पैहौ / कबीर
- झीनी झीनी बीनी चदरिया / कबीर
- केहि समुझावौ सब जग अन्धा / कबीर
- तूने रात गँवायी सोय के दिवस गँवाया खाय के / कबीर
- मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में / कबीर
- रे दिल गाफिल गफलत मत कर / कबीर
- घूँघट के पट / कबीर
- गुरुदेव का अंग / कबीर
- सुमिरण का अंग / कबीर
- विरह का अंग / कबीर
- जर्णा का अंग / कबीर
- पतिव्रता का अंग / कबीर
- कामी का अंग / कबीर
- चांणक का अंग / कबीर
- रस का अंग / कबीर
- माया का अंग / कबीर
- कथनी-करणी का अंग / कबीर
- सांच का अंग / कबीर
- भ्रम-बिधोंसवा का अंग / कबीर
- साध-असाध का अंग / कबीर
- संगति का अंग / कबीर
- मन का अंग / कबीर
- चितावणी का अंग / कबीर
- भेष का अंग / कबीर
- साध का अंग / कबीर
- मधि का अंग / कबीर
- बेसास का अंग / कबीर
- सूरातन का अंग / कबीर
- जीवन-मृतक का अंग / कबीर
- सम्रथाई का अंग / कबीर
- उपदेश का अंग / कबीर
- कौन ठगवा नगरिया लूटल हो / कबीर
- मेरी चुनरी में परिगयो दाग पिया / कबीर
- अंखियां तो छाई परी / कबीर
- माया महा ठगनी हम जानी / कबीर
- सुपने में सांइ मिले / कबीर
- मोको कहां ढूँढे रे बन्दे / कबीर
- अवधूता युगन युगन हम योगी / कबीर
- साधो ये मुरदों का गांव / कबीर
- मन ना रँगाए, रँगाए जोगी कपड़ा / कबीर
- निरंजन धन तुम्हरा दरबार/ कबीर
</sort>
भक्तिकालीन रचनाकार | ||
ज्ञानाश्रयी शाखा | कबीर • रैदास • मलूकदास • दादू दयाल • गुरु नानकदेव • सुंदरदास • धनी धरमदास | |
प्रेमाश्रयी शाखा | कुतबन • मंझन • मलिक मोहम्मद जायसी • उसमान • शेख नबी • कासिमशाह • नूर मुहम्मद | |
रामाश्रयी शाखा | तुलसीदास • अग्रदास • प्राणचंद चौहान • हृदयराम | |
कृष्णाश्रयी शाखा | वल्लभाचार्य • अष्टछाप ( सूरदास • कुम्भनदास • परमानंददास • कृष्णदास • छीतस्वामी • गोविन्दस्वामी • चतुर्भुजदास • नंददास ) • हितहरिवंश • गदाधर भट्ट • मीराबाई • हरिदास • सूरदास मदनमोहन • श्रीभट्ट • हरिराम व्यास • रसखान • ध्रुवदास |
|
अन्य कवि | छीहल • लालचदास • कृपाराम • नरहरि बंदीजन • नरोत्तमदास • आलम • टोडरमल • बीरबल • गँग • मनोहर कवि • बलभद्र मिश्र • जमाल • केशवदास • होलराय • रहीम • कादिर • मुबारक • बनारसीदास • सेनापति • पुहकर कवि • सुँदर • लाल कवि | |