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"पाल ले इक रोग नादाँ / गौतम राजऋषि" के अवतरणों में अंतर

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* [[झूठ बोलेगा तो ये आलम तेरा हो जायेगा / गौतम राजरिशी]]
 
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* [[उनका एक बयान हुआ / गौतम राजरिशी]]
 
* [[उनका एक बयान हुआ / गौतम राजरिशी]]
* [[ज़िंदगी से उम्र भर तक चलाने का वादा किया / गौतम राजरिशी]]
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* [[ज़िंदगी से उम्र भर तक चलने का वादा किया / गौतम राजरिशी]]
 
* [[ऊँड़स ली तू ने जब साड़ी में गुच्छी चाभियों वाली / गौतम राजरिशी]]
 
* [[ऊँड़स ली तू ने जब साड़ी में गुच्छी चाभियों वाली / गौतम राजरिशी]]
 
* [[एक मुद्दत से हुये हैं वो हमारे यूँ तो / गौतम राजरिशी]]
 
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* [[ज़ुल्फ़ से लिपटा जब तौलिया हट गया / गौतम राजरिशी]]
 
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* [[आइनों पर आज जमी है काई, लिख / गौतम राजरिशी]]
 
* [[आइनों पर आज जमी है काई, लिख / गौतम राजरिशी]]
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* [[बंधा धागे से था फिर वो बेचारा मचल उट्ठा / गौतम राजरिशी]]
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* [[उकसाने पर हवा के आँधी से भिड़ गया है / गौतम राजरिशी]]
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* [[धूप लुटा कर सूरज जब कंगाल हुआ / गौतम राजरिशी]]
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* [[अब के ऐसा दौर बना है / गौतम राजरिशी]]
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* [[तेज़ हवा के इक झोंके ने जब बादल का नाम लिखा / गौतम राजरिशी]]
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* [[हवा ये कैसी चली माजरा ये कैसा है / गौतम राजरिशी]]
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* [[शोर है क़द-काठी का, पैमाइशों की बात हो / गौतम राजरिशी]]
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* [[बस गई है रग-रग में बामो-दर की ख़ामोशी / गौतम राजरिशी]]
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* [[हुई राह मुश्किल तो क्या कर चले / गौतम राजरिशी]]
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* [[रात भर चाँद को यूँ रिझाते रहे / गौतम राजरिशी]]
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* [[उलझ के ज़ुल्फ़ में उनकी गुमी दिशाएँ हैं / गौतम राजरिशी]]
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* [[इस बात को वैसे तो छुपाया न गया है / गौतम राजरिशी]]
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* [[गुज़र जाएगी शाम तकरार में / गौतम राजरिशी]]
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* [[वो जब अपनी ख़बर दे है / गौतम राजरिशी]]
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* [[हम पर जो असर एक ज़माने से हुआ है / गौतम राजरिशी]]
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* [[ख़ुद से ही बाज़ी लगी है / गौतम राजरिशी]]
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* [[वो टुकड़ा रात का बिखरा हुआ सा / गौतम राजरिशी]]
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* [[सच के लिए तूने उठाया सर, भले कुछ देर से / गौतम राजरिशी]]
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* [[ढीठ सूरज बादलों को मुँह चिढ़ाने के लिए / गौतम राजरिशी]]
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* [[हरी है ये ज़मीं हमसे कि हम तो इश्क़ बोते हैं / गौतम राजरिशी]]
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* [[उफ़ ये कैसी कशिश ! बेबसी ? हाँ वही ! / गौतम राजरिशी]]
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* [[हैं जितनी परतें यहाँ आसमान में शामिल / गौतम राजरिशी]]

14:03, 7 फ़रवरी 2016 का अवतरण

पाल ले इक रोग नादाँ
Paal-le-ik-rog-nadan-kavitakosh.jpg
रचनाकार गौतम राजरिशी
प्रकाशक शिवना प्रकाशन, सीहोर-466001
वर्ष 2015
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़लें
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 120
ISBN 978-93-81520-07-9
विविध मुल्क की समस्त साहित्यिक पत्रिकाओं हंस,कादंबिनी,वागर्थ,कथादेश,आजकल,अहा ज़िंदगी,लफ़्ज़,अलाव वगैरह में ग़ज़लों का नियमित प्रकाशन
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दो भूमिकाएँ

ग़ज़लें