भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वीरेन्द्र कुमार जैन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
|जन्मस्थान=इन्दौर, मध्य प्रदेश, भारत | |जन्मस्थान=इन्दौर, मध्य प्रदेश, भारत | ||
|कृतियाँ=शून्य पुरुष और वस्तुएँ, यातना का सूर्य-पुरुष, अनागता की आँखें, कहीं और (चारों कविता-संग्रह) | |कृतियाँ=शून्य पुरुष और वस्तुएँ, यातना का सूर्य-पुरुष, अनागता की आँखें, कहीं और (चारों कविता-संग्रह) | ||
− | |विविध=कविता के अलावा कहानियाँ और निबन्ध भी लिखे। चार खण्डों में तीर्थंकर महावीर की जीवनी 'अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर' | + | |विविध=कविता के अलावा कहानियाँ और निबन्ध भी लिखे। चार खण्डों में तीर्थंकर महावीर की जीवनी 'अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर' शीर्षक से प्रकाशित। |
|अंग्रेज़ीनाम=Virendra Kumar Jain | |अंग्रेज़ीनाम=Virendra Kumar Jain | ||
|जीवनी=[[वीरेन्द्र कुमार जैन / परिचय]] | |जीवनी=[[वीरेन्द्र कुमार जैन / परिचय]] | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatMadhyaPradesh}} | ||
+ | ====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ==== | ||
* [[सौन्दर्य का एक क्षण / वीरेन्द्र कुमार जैन ]] | * [[सौन्दर्य का एक क्षण / वीरेन्द्र कुमार जैन ]] | ||
* [[एक एबसर्ड कविता / वीरेन्द्र कुमार जैन ]] | * [[एक एबसर्ड कविता / वीरेन्द्र कुमार जैन ]] |
23:40, 29 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
वीरेन्द्र कुमार जैन
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | प्रथम विश्वयुद्ध के दिनों में |
---|---|
निधन | 1996 |
जन्म स्थान | इन्दौर, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
शून्य पुरुष और वस्तुएँ, यातना का सूर्य-पुरुष, अनागता की आँखें, कहीं और (चारों कविता-संग्रह) | |
विविध | |
कविता के अलावा कहानियाँ और निबन्ध भी लिखे। चार खण्डों में तीर्थंकर महावीर की जीवनी 'अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर' शीर्षक से प्रकाशित। | |
जीवन परिचय | |
वीरेन्द्र कुमार जैन / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- सौन्दर्य का एक क्षण / वीरेन्द्र कुमार जैन
- एक एबसर्ड कविता / वीरेन्द्र कुमार जैन
- कौन अपनी जुल्फ़ कहीं खोलकर / वीरेन्द्र कुमार जैन
- आइने पर आइने पर चोट की / वीरेन्द्र कुमार जैन
- तुमने ग़ाली मुझे नहीं, अपने ही को दी है / वीरेन्द्र कुमार जैन
- कुल्हाड़ी वृक्ष को काटते-काटते / वीरेन्द्र कुमार जैन
- तुम्हारी अनन्या / वीरेन्द्र कुमार जैन
- महाभिनिष्क्रम / वीरेन्द्र कुमार जैन
- तुम्हारे और बिस्तरे के बीच / वीरेन्द्र कुमार जैन
- चराचर / वीरेन्द्र कुमार जैन
- शृंगिनी / वीरेन्द्र कुमार जैन
- अविकल सम्पूरन / वीरेन्द्र कुमार जैन
- ओ मेरी अन्तिम नीरवता / वीरेन्द्र कुमार जैन
- हवा की लड़की / वीरेन्द्र कुमार जैन
- लीला सहचरी / वीरेन्द्र कुमार जैन