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"नाव सिन्धु में छोड़ी / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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08:30, 20 अप्रैल 2017 का अवतरण
नाव सिन्धु में छोड़ी
रचनाकार | गुलाब खंडेलवाल |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिंदी |
विषय | |
विधा | गीत |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- अपने रँग में मुझे रँगा दो / गुलाब खंडेलवाल
- अब तो स्वरमय प्राण हमारे / गुलाब खंडेलवाल
- अब तुम नौका लेकर आये / गुलाब खंडेलवाल
- कहाँ तक जायेगी झंकार ? / गुलाब खंडेलवाल
- कौन आता है सपना बन के / गुलाब खंडेलवाल
- जब ये जीवन फिर पायेंगे / गुलाब खंडेलवाल
- जीवन गाते गाते बीते / गुलाब खंडेलवाल
- तुझको पथ कैसे सूझेगा / गुलाब खंडेलवाल
- भीत्ति नहीं है कोई / गुलाब खंडेलवाल
- मन का ताप हरो / गुलाब खंडेलवाल
- मुझे तो लहर बना रहने दो / गुलाब खंडेलवाल
- मेरे गीत, तुम्हारा स्वर / गुलाब खंडेलवाल
- मैंने रात चैन से काटी/ गुलाब खंडेलवाल
- कौन आता है सपना बन के / गुलाब खंडेलवाल
- यह तो शीशमहल है / गुलाब खंडेलवाल
- रात सुन ली थी तान तुम्हारी / गुलाब खंडेलवाल
- वही है धरा वही है अम्बर / गुलाब खंडेलवाल
- साज नहीं सजता है / गुलाब खंडेलवाल
- हम तो काँटे ही चुनते हैं / गुलाब खंडेलवाल
- हमने नाव सिन्धु में छोड़ी / गुलाब खंडेलवाल