भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ग्वाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|नाम=ग्वाल | |नाम=ग्वाल | ||
|उपनाम= | |उपनाम= | ||
− | |जन्म= 1791 | + | |जन्म=1791 |
− | |जन्मस्थान= वृंदावन | + | |जन्मस्थान=वृंदावन, उत्तर प्रदेश |
− | + | |मृत्यु=1871 | |
− | |मृत्यु=1871 | + | |कृतियाँ=इनके लिखे चौदह ग्रंथ मिलते हैं। इनमें प्रसिद्ध कृतियाँ हैं रसिकानन्द, साहित्यानन्द, रसरंग, अलंकार भ्रमभंजन, दूषणदर्पण (कवि दर्पण) तथा प्रस्तार प्रकाश। |
− | | | + | |विविध=रीतिकाल के कवि। रीतिकाल के अन्तिम आचार्य माने जाते हैं। |
− | | | + | |
|जीवनी=[[ग्वाल / परिचय]] | |जीवनी=[[ग्वाल / परिचय]] | ||
− | | | + | |अंग्रेज़ीनाम=Gwaal Kavi |
+ | |shorturl= | ||
+ | |gadyakosh= | ||
+ | |copyright= | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatBrajBhashaRachnakaar}} | |
+ | {{KKCatUttarPradesh}} | ||
+ | ====ग्वाल कवि द्वारा रचित ग्रंथ==== | ||
+ | * '''[[हम्मीर हठ / ग्वाल]]''' | ||
+ | * '''[[रसरंग / ग्वाल]]''' | ||
+ | ====कुछ फ़ुटकर रचनाएँ==== | ||
* [[को रति है अरु कौन रमा उमा छूटी लटैँ निचुरैँ गुयीँ मोती / ग्वाल]] | * [[को रति है अरु कौन रमा उमा छूटी लटैँ निचुरैँ गुयीँ मोती / ग्वाल]] | ||
* [[झर झर झाँपै बड़े दर दर ढ़ाँपै नापै / ग्वाल]] | * [[झर झर झाँपै बड़े दर दर ढ़ाँपै नापै / ग्वाल]] | ||
पंक्ति 27: | पंक्ति 34: | ||
* [[बरफ-सिलान की बिछायत बनाय करि/ ग्वाल]] | * [[बरफ-सिलान की बिछायत बनाय करि/ ग्वाल]] | ||
* [[मेष-वृष तरनि तचाइन के त्रासन तें / ग्वाल]] | * [[मेष-वृष तरनि तचाइन के त्रासन तें / ग्वाल]] | ||
− | + | * [[मोरन की सोरन की नैको न मरोर रही / ग्वाल]] | |
+ | * [[जाकी खूबखूबी खूब खूबन की खूबी यहाँ / ग्वाल]] | ||
+ | * [[दिया है खुदा ने खूब खुसी करो ग्वाल कवि / ग्वाल]] |
14:22, 25 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण
ग्वाल
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 1791 |
---|---|
निधन | 1871 |
जन्म स्थान | वृंदावन, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
इनके लिखे चौदह ग्रंथ मिलते हैं। इनमें प्रसिद्ध कृतियाँ हैं रसिकानन्द, साहित्यानन्द, रसरंग, अलंकार भ्रमभंजन, दूषणदर्पण (कवि दर्पण) तथा प्रस्तार प्रकाश। | |
विविध | |
रीतिकाल के कवि। रीतिकाल के अन्तिम आचार्य माने जाते हैं। | |
जीवन परिचय | |
ग्वाल / परिचय |
ग्वाल कवि द्वारा रचित ग्रंथ
कुछ फ़ुटकर रचनाएँ
- को रति है अरु कौन रमा उमा छूटी लटैँ निचुरैँ गुयीँ मोती / ग्वाल
- झर झर झाँपै बड़े दर दर ढ़ाँपै नापै / ग्वाल
- जैसे कान्ह जान तैसे उद्धव सुजान आए / ग्वाल
- जेठ को न त्रास, जाके पास ये बिलास होंय / ग्वाल
- प्यारी आउ छात पै निहारि नए कौतुक / ग्वाल
- फाग मैं, कि बाग मैं, कि भाग मैं रही है भरि / ग्वाल
- चाहिए जरूर इनसानियत मानुस को / ग्वाल
- ग्रीषम की गजब धुकी है धूप धाम-धाम / ग्वाल
- पाय रितु ग्रीषम बिछायत बनाय, वेष / ग्वाल
- सूरज-सुता के तेज तरल तरंग ताकि / ग्वाल
- ग्रीषम की पीर के विदीर के सुनो ये साज / ग्वाल
- बरफ-सिलान की बिछायत बनाय करि/ ग्वाल
- मेष-वृष तरनि तचाइन के त्रासन तें / ग्वाल
- मोरन की सोरन की नैको न मरोर रही / ग्वाल
- जाकी खूबखूबी खूब खूबन की खूबी यहाँ / ग्वाल
- दिया है खुदा ने खूब खुसी करो ग्वाल कवि / ग्वाल