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+ | * [[घर से निकले थे हौसला करके / राजेश रेड्डी]] |
19:19, 1 जुलाई 2020 के समय का अवतरण
राजेश रेड्डी
जन्म | 22 जुलाई 1952 |
---|---|
जन्म स्थान | जयपुर, राजस्थान, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
उड़ान, आसमां से आगे | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
राजेश रेड्डी / परिचय |
ग़ज़लें
- अपने सच में झूठ की मिक्दार थोड़ी कम रही / राजेश रेड्डी
- इक ज़हर के दरिया को दिन-रात बरतता हूँ / राजेश रेड्डी
- अब क्या बताएँ टूटे हैं कितने कहाँ से हम / राजेश रेड्डी
- कब खुला आना जहाँ में और कब जाना खुला / राजेश रेड्डी
- मोड़ कर अपने अंदर की दुनिया से मुँह / राजेश रेड्डी
- हूँ वही लफ़्ज़ मगर और मआनी में हूँ मैं / राजेश रेड्डी
- गीता हूँ कुरआन हूँ मैं / राजेश रेड्डी
- यहाँ हर शख़्स हर पल हादिसा होने से डरता है / राजेश रेड्डी
- इस अहद के इन्साँ मे वफ़ा ढूँढ रहे हैं / राजेश रेड्डी
- रोज़ सवेरे दिन का निकलना, शाम में ढलना जारी है / राजेश रेड्डी
- दुख के मुका़बिल खड़े हुए हैं/ राजेश रेड्डी
- आग है, पानी है, मिट्टी है, हवा है मुझमें / राजेश रेड्डी
- शाम को जिस वक़्त ख़ाली हाथ घर जाता हूँ मैं/ राजेश रेड्डी
- ख़ज़ाना कौन सा उस पार होगा / राजेश रेड्डी
- कोई इक तिशनगी कोई समुन्दर लेके आया है / राजेश रेड्डी
- निगाहों में वो हैरानी नहीं है / राजेश रेड्डी
- मेरी ज़िंदगी के मआनी बदल दे / राजेश रेड्डी
- डाल से बिछुड़े परिंदे आसमाँ मे खो गए/ राजेश रेड्डी
- ज़ुबां ख़ामोश है डर बोलते हैं / राजेश रेड्डी
- जब तलक ये ज़िन्दगी बाक़ी रहेगी / राजेश रेड्डी
- यूँ देखिये तो आँधी में बस इक शजर गया / राजेश रेड्डी
- शाम को जिस वक़्त ख़ाली हाथ घर जाता हूँ मैं / राजेश रेड्डी
- जाने कितनी उड़ान बाक़ी है / राजेश रेड्डी
- मेरे ख़ुदा मैं अपने ख़यालों को क्या करूँ / राजेश रेड्डी
- मिट्टी का जिस्म लेके मैं पानी के घर में हूँ / राजेश रेड्डी
- क़फ़स में रहके खुला आसमान भूल गए / राजेश रेड्डी
- ये जो ज़िन्दगी की किताब है / राजेश रेड्डी
- ज़िन्दगी तूने लहू ले के / राजेश रेड्डी
- उधर परिन्दे को जब आसमान खींचता है / राजेश रेड्डी
- हम धुएँ में जब ज़रा उतरे, धुआँ खुलने लगा / राजेश रेड्डी
- जो आईने में है उसकी तरफ़दारी भी करनी है / राजेश रेड्डी
- किसी ने ग़म को कुछ समझा कोई समझा ख़ुशी को कुछ / राजेश रेड्डी
- घर से निकले थे हौसला करके / राजेश रेड्डी