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− | * [[ओ दूर जाने वाले वादा न भूल जाना / | + | * [[ओ दूर जाने वाले वादा न भूल जाना / साग़र निज़ामी]] |
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20:52, 18 जनवरी 2015 का अवतरण
साग़र निज़ामी
www.kavitakosh.org/sagharnizami
www.kavitakosh.org/sagharnizami
जन्म | 21 दिसम्बर 1905 |
---|---|
निधन | 1983 |
जन्म स्थान | अलीगढ़, उत्तरप्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
सुबुही (1934), बदाह-ए-मशरिक (1934), कहकशाँ (1934), रंगमहल (1943), मौज-ए-साहिल (1949), नेहरूनामा (1967) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
साग़र निज़ामी / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/sagharnizami |
प्रतिनिधि रचनाएँ
- महात्मा गांधी / साग़र निज़ामी
- अहद / साग़र निज़ामी
- हम आँखों से भी अर्ज़-ए-तमन्ना नहीं करते / साग़र निज़ामी
- नग़्मे हवा ने छेड़े फ़ितरत की बाँसुरी में / साग़र निज़ामी
- गेसू को तिरे रुख़ से बहम होने न देंगे / साग़र निज़ामी
- रातों का तसव्वुर है उनका और चुपके-चुपके रोना है / साग़र निज़ामी
- लज्जते-आग़ाज ही को जाविदा समझा था मैं / साग़र निज़ामी
- दश्त में क़ैस नहीं कोह पे फ़रहाद नहीं / साग़र निज़ामी
- फिर रह-ए-इश्क़ वही ज़ाद-ए-सफ़र माँगे है / साग़र निज़ामी
- सदियों की शब-ए-ग़म को सहर हम ने बनाया / साग़र निज़ामी
- यूँ न रह रह के हमें तरसाइए / साग़र निज़ामी
- हैरत से तक रहा है जहान-ए-वफ़ा मुझे / साग़र निज़ामी
- हादसे क्या-क्या तुम्हारी बेरुख़ी से हो गए / साग़र निज़ामी
- काफ़िर गेसू वालों की रात बसर यूँ होती है / साग़र निज़ामी
- अंगड़ाई भी वो लेने न पाए उठाके हाथ / साग़र निज़ामी
- ओ दूर जाने वाले वादा न भूल जाना / साग़र निज़ामी
- अब तो तमाम शहर में चर्चा है आपका / साग़र निज़ामी
- अल्लाह ख़ता क्या है ग़रीबों की बता दे / साग़र निज़ामी