"बादे सबा / हरिराज सिंह 'नूर'" के अवतरणों में अंतर
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[[जुगनू चमके, मौसिम बदला, रात हुई है प्यारी / हरिराज सिंह 'नूर']] | [[जुगनू चमके, मौसिम बदला, रात हुई है प्यारी / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[वो धमाका अजब कर गया / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[तंगहाली अब न छोड़ेगी मुझे / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[अपने दुश्मन हाथ मलते रह गए / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[दे गईं यादें तिरी क्या ख़ूब नज़राना मुझे / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[मीत! मन से मन मिला तू और स्वर से स्वर मिला / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[चिलचिलाती धूप में परछाइयाँ कैसे मिलें / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[बेरुख़ी की कोई दवा है क्या / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[बिजलियाँ जो भी अब गिराएगा / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[तुम ज़रा-सा मुस्कुराओ तो बहार आए / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[कोई नहीं मेरा यहाँ, मुझको कि जो पहचान दे / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[अब ख़ौफ़ भी कोई नहीं, तूफ़ां यहाँ कोई नहीं / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[गुज़रा हुआ ज़माना अब याद क्या करें हम / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[सुख़नवर जो भी बन जाता / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[झुकी नज़रें कहाँ खोईं बताओ तो / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[दुआओं में असर आना ज़रूरी है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[मदद को कोई क्यों आए, सभी जब ग़म के मारे हैं / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[समुन्दर से भी गहरा है तुम्हारी आँख का पानी / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[ग़रीबी में कहाँ कोई फ़साना याद रहता है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[ग़ज़ब का ख़ौफ़ ग़ालिब है कि दुनिया सर झुकाती है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[सहर होने से पहले आस्मां पर ये जो लाली है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[किसी दरवेश की झोली दुआओं से नहीं ख़ाली / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[तिरी आँखों का पानी मर गया है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[है क़ायम आदमीयत, क्या ये कम है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[मुक़द्दर ने मुसलसल ग़म दिए हैं / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[ये नर्म-नर्म धूप भी बहार का है सिलसिला / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[सितम ही मुझपे अगर बेहिसाब होना था / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[घबराए जो अजल से इंसान वो नहीं है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[तारीख़ गवाही दे कि आज़ाद हुए हम / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[ज़माने का हर दर्द मैं पी रहा हूँ / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[मुझे तेरा कब आशियाना मिलेगा / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[इबादत मुसलसल मैं करता रहूँगा / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[ज़माने में रौशन शराफ़त हमारी / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[आँखों को मेरी आज भी तेरी तलाश है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[अजीब कुछ भी नहीं है सब कुछ क़यास में है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[दिल आगे बढ़, पीछे हटता, ये कैसा चक्कर है यारो / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[कुछ एक हसीं यादें हैं जो इस दिल को थामे रहती हैं / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[मीठी-मीठी बातों से वो कानों में रस घोल गए / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[ग़म जो कर दे छू मंतर / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[आँचल की छाया में रहना, अच्छा लगता है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[लगता है मेरी आँखों ने फिर से धोखा खाया है / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[सीख ले जो भी दाना सिखाए / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[मुहब्बत से भरे दिल को शिकस्ता साज़ कर देना / हरिराज सिंह 'नूर']] | ||
+ | [[मनाएँ इस तरह होली कि दुनिया की फ़जा बदले / हरिराज सिंह 'नूर']] |
21:01, 17 अक्टूबर 2019 का अवतरण
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रचनाकार | हरिराज सिंह 'नूर' |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़ल |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
जुगनू चमके, मौसिम बदला, रात हुई है प्यारी / हरिराज सिंह 'नूर' वो धमाका अजब कर गया / हरिराज सिंह 'नूर' तंगहाली अब न छोड़ेगी मुझे / हरिराज सिंह 'नूर' अपने दुश्मन हाथ मलते रह गए / हरिराज सिंह 'नूर' दे गईं यादें तिरी क्या ख़ूब नज़राना मुझे / हरिराज सिंह 'नूर' मीत! मन से मन मिला तू और स्वर से स्वर मिला / हरिराज सिंह 'नूर' चिलचिलाती धूप में परछाइयाँ कैसे मिलें / हरिराज सिंह 'नूर' बेरुख़ी की कोई दवा है क्या / हरिराज सिंह 'नूर' बिजलियाँ जो भी अब गिराएगा / हरिराज सिंह 'नूर' तुम ज़रा-सा मुस्कुराओ तो बहार आए / हरिराज सिंह 'नूर' कोई नहीं मेरा यहाँ, मुझको कि जो पहचान दे / हरिराज सिंह 'नूर' अब ख़ौफ़ भी कोई नहीं, तूफ़ां यहाँ कोई नहीं / हरिराज सिंह 'नूर' गुज़रा हुआ ज़माना अब याद क्या करें हम / हरिराज सिंह 'नूर' सुख़नवर जो भी बन जाता / हरिराज सिंह 'नूर' झुकी नज़रें कहाँ खोईं बताओ तो / हरिराज सिंह 'नूर' दुआओं में असर आना ज़रूरी है / हरिराज सिंह 'नूर' मदद को कोई क्यों आए, सभी जब ग़म के मारे हैं / हरिराज सिंह 'नूर' समुन्दर से भी गहरा है तुम्हारी आँख का पानी / हरिराज सिंह 'नूर' ग़रीबी में कहाँ कोई फ़साना याद रहता है / हरिराज सिंह 'नूर' ग़ज़ब का ख़ौफ़ ग़ालिब है कि दुनिया सर झुकाती है / हरिराज सिंह 'नूर' सहर होने से पहले आस्मां पर ये जो लाली है / हरिराज सिंह 'नूर' किसी दरवेश की झोली दुआओं से नहीं ख़ाली / हरिराज सिंह 'नूर' तिरी आँखों का पानी मर गया है / हरिराज सिंह 'नूर' है क़ायम आदमीयत, क्या ये कम है / हरिराज सिंह 'नूर' मुक़द्दर ने मुसलसल ग़म दिए हैं / हरिराज सिंह 'नूर' ये नर्म-नर्म धूप भी बहार का है सिलसिला / हरिराज सिंह 'नूर' सितम ही मुझपे अगर बेहिसाब होना था / हरिराज सिंह 'नूर' घबराए जो अजल से इंसान वो नहीं है / हरिराज सिंह 'नूर' तारीख़ गवाही दे कि आज़ाद हुए हम / हरिराज सिंह 'नूर' ज़माने का हर दर्द मैं पी रहा हूँ / हरिराज सिंह 'नूर' मुझे तेरा कब आशियाना मिलेगा / हरिराज सिंह 'नूर' इबादत मुसलसल मैं करता रहूँगा / हरिराज सिंह 'नूर' ज़माने में रौशन शराफ़त हमारी / हरिराज सिंह 'नूर' आँखों को मेरी आज भी तेरी तलाश है / हरिराज सिंह 'नूर' अजीब कुछ भी नहीं है सब कुछ क़यास में है / हरिराज सिंह 'नूर' दिल आगे बढ़, पीछे हटता, ये कैसा चक्कर है यारो / हरिराज सिंह 'नूर' कुछ एक हसीं यादें हैं जो इस दिल को थामे रहती हैं / हरिराज सिंह 'नूर' मीठी-मीठी बातों से वो कानों में रस घोल गए / हरिराज सिंह 'नूर' ग़म जो कर दे छू मंतर / हरिराज सिंह 'नूर' आँचल की छाया में रहना, अच्छा लगता है / हरिराज सिंह 'नूर' लगता है मेरी आँखों ने फिर से धोखा खाया है / हरिराज सिंह 'नूर' सीख ले जो भी दाना सिखाए / हरिराज सिंह 'नूर' मुहब्बत से भरे दिल को शिकस्ता साज़ कर देना / हरिराज सिंह 'नूर' मनाएँ इस तरह होली कि दुनिया की फ़जा बदले / हरिराज सिंह 'नूर'