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उर्दू बिन्दु / प्रेमघन
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उर्दू बिन्दु
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रचनाकार | बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' |
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प्रकाशक | |
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भाषा | ब्रजभाषा |
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इस पुस्तक में संकलित ग़ज़लें
- कूचये दिलदार से बादे सवा आने लगी / प्रेमघन
- अपने आशिक पर सितमगर रहम करना चाहिए / प्रेमघन
- मेरी जान ले क्या नफ़ा पाइएगा / प्रेमघन
- जो तेगे निगाह वह चढ़ाए हुए हैं / प्रेमघन
- अजल भी नहीं आती है खौफे़ से याँ / प्रेमघन
- दिल को तो लूट लिया करते हैं / प्रेमघन
- बगरजे कत्ल गर शमशीर अवरूवी उठाते हैं / प्रेमघन
- ऐ सनम तूने अगर आँख लड़ाई होती / प्रेमघन
- तेरे इश्क में हमने दिल को जलाया / प्रेमघन
- पड़ै न बल बाल-सी कमर पर / प्रेमघन
- पहाड़ ढाहैं हमारी आहैं / प्रेमघन
नज़्में
- अजब दिलरुबा नन्द फ़रज़न्द जू है / प्रेमघन
- बन में वह नंद नंदन बंसी बजा रहा है / प्रेमघन
- हमने तुमको कैसा जाना तुमने हमको ऐसा माना / प्रेमघन
- ए दिलबर दिल कर दीवाना / प्रेमघन