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कानेको मिसुजु

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कानेको मिसुजु
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जन्म 11 अप्रैल 1903
निधन 10 मार्च 1930
उपनाम 金子 みすゞ
जन्म स्थान मछुआरों का गाँव सेनजाकी, नगातो, यामागुती प्रदेश, जापान
कुछ प्रमुख कृतियाँ
विविध
जापानी कवि और संगीतकार। समुद्र और मछली अक्सर इनकी कविताओं में दिखाई देते हैं। मुख्य तौर पर कानेको मिसुजु का बच्चों के लिए लिखने वाली कवि माना जाता है। जब मिसुजु बीस साल की हुईं तो उन्होंने किताबों की दुकान खोल ली। तभी उन्होंने एक बाल-पत्रिका में वह विज्ञप्ति देखी, जिसमें पाठकों से अपनी रचनाएँ भेजने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने अपनी कविताएँ उस पत्रिका को भेज दीं। अगले ही अंक में उस पत्रिका ने उनकी पाँच कविताएँ छाप दीं। उसके बाद विभिन्न बाल-पत्रिकाएँ लगातार उनकी कविताएँ छापने लगीं। पाँच साल के भीतर-भीतर उनकी 51 कविताएँ पाठकों के बीच लोकप्रिय हो चुकी थीं। 1926 में उनका विवाह होने के बाद उनके पति ने उनपर ये प्रतिबन्ध लगा दिया कि वे आगे से कविता नहीं लिखेंगी। उनका पति मनचला था और अक्सर घटिया क़िस्म की औरतों के साथ घूमता था। वहीं किसी औरत से उसे यौन रोग लग गया। उसी से कानेको मिसुजु को भी वह यौन रोग मिल गया। 1930 में उन्होंने अपने पति को छोड़ दिया, लेकिन उसने मिसुजु से उनकी एकमात्र बिटिया को छीन लिया। बिटिया का वियोग कानेको मिसुजु सहन नहीं कर पाईं और उन्होंने आत्महत्या कर ली। तभी देश में सैन्य शासन शुरू हो गया। इस सैन्य शासन के दौरान उनकी कविताएँ भी खो गईं। बाद में कवि सेत्सुओ यादज़ाकी को उनकी एक कविता कहीं पढ़ने को मिल गई। वे उस कविता से बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने 16 साल तक खोज करने के बाद कानेको मिसुजु के भाई को ढूँढ़ निकाला, जिसके पास मिसुजु की 512 कविताएँ सुरक्षित थीं। इस तरह 1984 में कानेको मिसुजु का पहला कविता-संग्रह प्रकाशित हुआ। कानेको मिसुजु की कविताएँ जापान में फिर से लोकप्रिय हो गईं और उन्हें एक बड़ा कवि माना जाने लगा। अब तक 15-16 भाषाओं में कानेको मिसुजु की कविताओं का अनुवाद हो चुका है।
जीवन परिचय
कानेको मिसुजु / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/

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