श्रद्धा जैन
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जन्म | 08 नवंबर 1977 |
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उपनाम | श्रद्धा |
जन्म स्थान | विदिशा, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
आपका मूल नाम शिल्पा जैन है। | |
जीवन परिचय | |
श्रद्धा जैन / परिचय | |
कविता कोश पता | |
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ग़ज़ल
- कीड़ा मीठे में पड़ते देखा है / श्रद्धा जैन
- काश बदली से कभी धूप निकलती रहती / श्रद्धा जैन
- वो सारे ज़ख़्म पुराने, बदन में लौट आए / श्रद्धा जैन
- बना लें दोस्त हम सबको, ये रिश्ते रास आएँ क्यूँ / श्रद्धा जैन
- यादों की जागीर बना कर रहते हैं / श्रद्धा जैन
- रात जागे हो कि रोए हो, रहे हो बेकल / श्रद्धा जैन
- आखिर, हमारे चाहने वाले कहाँ गए / श्रद्धा जैन
- यूँ प्यार को आज़माना नहीं था / श्रद्धा जैन
- फूल, ख़ुशबू, चाँद, जुगनू और सितारे आ गए / श्रद्धा जैन
- पलट के देखेगा माज़ी तू जब उठा के चराग़ / श्रद्धा जैन
- अज़ीब शख़्स था, आँखों में ख़्वाब छोड़ गया / श्रद्धा जैन
- हमको भी समझ फूल या पत्थर नहीं आते / श्रद्धा जैन
- कोई पत्थर तो नहीं हूँ कि ख़ुदा हो जाऊँ / श्रद्धा जैन
- हँस के जीवन काटने का मशवरा देते रहे / श्रद्धा जैन
- सबको न गले तुम यूँ लगाया करो 'श्रद्धा' / श्रद्धा जैन
- फिर किसी से दिल लगाया जाएगा / श्रद्धा जैन
- मुझ सा ही दीवाना लगता है आईना / श्रद्धा जैन
- हो एक ऐसा शख्स जो, मोहब्बत-ओ-वफ़ा करे / श्रद्धा जैन
- ये दिल की पीर थी, पिघली, नज़र नहीं आती / श्रद्धा जैन
- कितना है दम चराग़ में, तब ही पता चले / श्रद्धा जैन
- आप भी अब मिरे गम बढ़ा दीजिए / श्रद्धा जैन
- कल है क्या होगा / श्रद्धा जैन
- अफ़साना-ए-उल्फ़त है, इशारों से कहेंगे / श्रद्धा जैन
- ऐसा नहीं कि हमको मोहब्बत नहीं मिली / श्रद्धा जैन
- अच्छी है यही खुद्दारी क्या/ श्रद्धा जैन
- मुश्किलें आई अगर तो, फ़ैसला हो जाएगा / श्रद्धा जैन
- क्यूँ चुप-चुप सा खड़ा है दर्द / श्रद्धा जैन
- दिल में जब प्यार का नशा छाया / श्रद्धा जैन
- लुटा कर जान दिलदारी नहीं की / श्रद्धा जैन
- काँटे आए कभी गुलाब आए / श्रद्धा जैन
- वो धूप उजली सी, सुहानी शाम भी नहीं / श्रद्धा जैन
- तेरे हाथों से छूटी जो, मैं मिट्टी से हमवार हुई / श्रद्धा जैन
- वक़्त करता कुछ दगा या तुम मुझे छलते कभी / श्रद्धा जैन
- वो मुसाफ़िर किधर गया होगा / श्रद्धा जैन
- हमने छुपा के रक्खी थी सबसे जिगर की बात / श्रद्धा जैन
- ख़ुश्बू भरे बदन वो, गुलाबों के खो गए / श्रद्धा जैन
- रब हो साजिश में शामिल तो क्या कीजिए / श्रद्धा जैन
- मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी हैं / श्रद्धा जैन
- तेरे बगैर लगता है, अच्छा मुझे जहाँ नहीं / श्रद्धा जैन
- जिस्म सन्दल, मिज़ाज फूलों का / श्रद्धा जैन
गीत-कविता
- वो लौट न पाएँगे मालूम न था हमको / श्रद्धा जैन
- इक लड़की पागल दीवानी, गुमसुम चुप-चुप सी रहती थी / श्रद्धा जैन
- चलो कुछ बात करते हैं / श्रद्धा जैन
- है याद तुम्हारा कानों में, हौले से कुछ कह जाना / श्रद्धा जैन
- साजन तुम्हारी याद / श्रद्धा जैन
- वो सुख तो कभी था ही नहीं / श्रद्धा जैन
- मूक हमारे हो संवाद / श्रद्धा जैन
- वो लड़की / श्रद्धा जैन
- शूल से शब्द / श्रद्धा जैन
- कितना आसान लगता था / श्रद्धा जैन