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फ़्योदर त्यूत्चेव की कविताएँ / फ़्योदर त्यूत्चेव
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फ़्योदर त्यूत्चेव की कविताएँ | |
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रचनाकार: | फ़्योदर त्यूत्चेव |
अनुवादक: | वरयाम सिंह |
प्रकाशक: | प्रकाशन संस्थान, शाहदरा, दिल्ली-110032 |
वर्ष: | 1988 |
मूल भाषा: | रूसी |
विषय: | -- |
शैली: | -- |
पृष्ठ संख्या: | 64 |
ISBN: | -- |
विविध: | -- |
इस पन्ने पर दी गयी रचनाओं को विश्व भर के योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गयी प्रकाशक संबंधी जानकारी प्रिंटेड पुस्तक खरीदने में आपकी सहायता के लिये दी गयी है। |
- वसन्त / फ़्योदर त्यूत्चेव
- आभा / फ़्योदर त्यूत्चेव
- वसन्त में मेघगर्जना / फ़्योदर त्यूत्चेव
- नेपोलियन की क़ब्र / फ़्योदर त्यूत्चेव
- गर्मियों की एक शाम / फ़्योदर त्यूत्चेव
- दृष्टान्त / फ़्योदर त्यूत्चेव
- हंस / फ़्योदर त्यूत्चेव
- अनिद्रा / फ़्योदर त्यूत्चेव
- अब भी प्रसन्न गूँज रहा है दिन / फ़्योदर त्यूत्चेव
- सब कुछ था उल्लासहीन मेरे चारों ओर / फ़्योदर त्यूत्चेव
- यायावर / फ़्योदर त्यूत्चेव
- पागलपन / फ़्योदर त्यूत्चेव
- आल्प पर्वत / फ़्योदर त्यूत्चेव
- चुप रहो / फ़्योदर त्यूत्चेव
- समुद्र में नींद / फ़्योदर त्यूत्चेव
- एक देश से दूसरे देश में / फ़्योदर त्यूत्चेव
- छायाओं का इलिसियम है मेरी आत्मा / फ़्योदर त्यूत्चेव
- हवा की दमघोंटू ख़ामोशी में / फ़्योदर त्यूत्चेव
- मैदान के ऊपर आकाश की ओर / फ़्योदर त्यूत्चेव
- छोटी-सी चिड़िया की तरह / फ़्योदर त्यूत्चेव
- गहरी और निष्प्रभ पड़ गई जलधारा / फ़्योदर त्यूत्चेव
- धरती का अब भी उदास है रूप / फ़्योदर त्यूत्चेव
- आत्मा होना चाहती थी एक तारा / फ़्योदर त्यूत्चेव
- तुम्हारी आँखों में कोई सम्वेदनाएँ नहीं / फ़्योदर त्यूत्चेव
- दिन और रात / फ़्योदर त्यूत्चेव
- विश्वास न करना, ओ युवती, कवि पर / फ़्योदर त्यूत्चेव
- रूसी नारी के लिए / फ़्योदर त्यूत्चेव
- हाँ, पुनः भेंट हुई है तुमसे / फ़्योदर त्यूत्चेव
- ओ प्रभु अवश्य भेंट करना ख़ुशियाँ उसे / फ़्योदर त्यूत्चेव
- कविता / फ़्योदर त्यूत्चेव
- निवा पर / फ़्योदर त्यूत्चेव
- वो देखो, नदी के विस्तार में / फ़्योदर त्यूत्चेव
- हमारी शताब्दी / फ़्योदर त्यूत्चेव
- दयालु ईश्वर ने यों ही नहीं की / फ़्योदर त्यूत्चेव
- वे आँखें, चिर परिचित वे आँखें ! / फ़्योदर त्यूत्चेव
- जुड़वाँ बहनें / फ़्योदर त्यूत्चेव
- सन् 1854 का ग्रीष्म / फ़्योदर त्यूत्चेव
- कविताओं की तुम्हें अब सुध नहीं / फ़्योदर त्यूत्चेव
- एक समुद्र से दूसरे समुद्र तक / फ़्योदर त्यूत्चेव
- वश 1855 / फ़्योदर त्यूत्चेव
- सोई हुई जनता / फ़्योदर त्यूत्चेव
- सान्त्वना / फ़्योदर त्यूत्चेव
- दिसम्बर की सुबह / फ़्योदर त्यूत्चेव
- खेलते रहो, खेलते रहो, जब तक / फ़्योदर त्यूत्चेव
- रात को बहुत उदास है आकाश / फ़्योदर त्यूत्चेव
- उस जीवन से / फ़्योदर त्यूत्चेव