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| − | *[[गहरा अँधेरा/ पृथ्वी पाल रैणा]]  | + | *[[गहरा अँधेरा/ पृथ्वी पाल रैणा]]*[[ढोंग रचो या भ्रम पालो / पृथ्वी पाल रैणा]]  | 
| + | *[[कुछ तो होगा / पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
| + | *[[गुज़रे वक़्त में देखने का हौसला / पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
| + | *[[सपने छत से लटक रहे थे / पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
| + | *[[मेरे भीतर कई समंदर / पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
| + | *[[सब समझाने की बातें हैं / पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
| + | *[[बात नहीं बनती / पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
| + | *[[ज़िन्दगी की दौड़ में / पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
| + | *[[अपनी मज़बूरी सुनाने के लिए मज़बूर हैं / पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
| + | *[[मन ही शस्त्रागार हमारा/ पृथ्वी पाल रैणा]]  | ||
01:22, 5 अक्टूबर 2015 का अवतरण
पृथ्वी पाल रैणा
www.kavitakosh.org/Prithvi Paul Raina
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| जन्म | 26 जनवरी 1949 | 
|---|---|
| जन्म स्थान | छत्तर(अँद्रेटा), तहसील पालमपुर, ज़िला काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| पृथ्वी पाल रैणा / परिचय | |
| कविता कोश पता | |
| www.kavitakosh.org/Prithvi Paul Raina | |
- एक अकेला पंथी / पृथ्वी पाल रैणा
 - यह मन पंछी सा / पृथ्वी पाल रैणा
 - अंतर / पृथ्वी पाल रैणा
 - अंतर्मुखी अँधेरे, बहिर्मुखी उजाले /पृथ्वी पाल रैणा
 - एक खिलौना : मैं /पृथ्वी पाल रैणा
 - सांसों के समंदर में /पृथ्वी पाल रैणा
 - मेरी धरती मेरा आसमान /पृथ्वी पाल रैणा
 - दिल/पृथ्वी पाल रैणा
 - अजनबी / पृथ्वी पाल रैणा
 - देखें सोचें / पृथ्वी पाल रैणा
 - बेबसी / पृथ्वी पाल रैणा
 - अंजाम / पृथ्वी पाल रैणा
 - मरघट / पृथ्वी पाल रैणा
 - तलाश / पृथ्वी पाल रैणा
 - ज़िन्दगी का वजूद / पृथ्वी पाल रैणा
 - स्मृति / पृथ्वी पाल रैणा
 - जीवन की सारी गाथा / पृथ्वी पाल रैणा
 - मैं भी क्यों बेवक़्त मर गया / पृथ्वी पाल रैणा
 - यह तो करना ही होता है / पृथ्वी पाल रैणा
 - जगी चेतना भेद खुले / पृथ्वी पाल रैणा
 - वह स्वर न जाने कहाँ गया / पृथ्वी पाल रैणा
 - घर की खेती / पृथ्वी पाल रैणा
 - सिर से बोझ उतार दिया / पृथ्वी पाल रैणा
 - गहरा अँधेरा/ पृथ्वी पाल रैणा*ढोंग रचो या भ्रम पालो / पृथ्वी पाल रैणा
 - कुछ तो होगा / पृथ्वी पाल रैणा
 - गुज़रे वक़्त में देखने का हौसला / पृथ्वी पाल रैणा
 - सपने छत से लटक रहे थे / पृथ्वी पाल रैणा
 - मेरे भीतर कई समंदर / पृथ्वी पाल रैणा
 - सब समझाने की बातें हैं / पृथ्वी पाल रैणा
 - बात नहीं बनती / पृथ्वी पाल रैणा
 - ज़िन्दगी की दौड़ में / पृथ्वी पाल रैणा
 - अपनी मज़बूरी सुनाने के लिए मज़बूर हैं / पृथ्वी पाल रैणा
 - मन ही शस्त्रागार हमारा/ पृथ्वी पाल रैणा
 
	
	
