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"समरकंद में बाबर / सुधीर सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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अनंतिम
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चित्रांकन-हेम ज्योतिका
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}}
  
कुछ भी अंतिम नहीं
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'''आज के दिन
कुछ भी नहीं अंतिम,
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शेष है एक घड़ी के बाद दूसरी घड़ी,
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उमंग के बाद ललछौंही उमंग,
+
उल्लास के बाद रोमिल उल्लास,
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सैलाब के बाद भी एक बूंद,
+
आबदार कहीं दुबका हुआ एक कतरा ख़ामोश
+
बची है पत्तियों की नोंक के भी आगे सरसराहट,
+
पक्षियों के डैनों से आगे भी उड़ान,
+
पेंटिंग के बाहर भी रंगों का संसार,
+
संगीत के सुरों के बाहर संगीत,
+
शब्दों से पर निःशब्द का वितान
+
ध्वनियों से पर मौन का अनहद नाद
+
कोई भी ग्रह अंतिम नहीं आकाशगंगा में,
+
कोई भी आकाशगंगा अंतिम नहीं ब्रह्मांड में,
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अचानक नमूदार होगा कहीं भी कोई ग्रह
+
अंतरिक्ष में अचानक
+
अचानक फूट पड़ेगा मरू में सोता
+
अचानक भलभला उठेगा ज्वालामुखी में लावा
+
अचानक कहीं होगा उल्कापात
+
तत्वों की तालिका में बची रहेगी
+
हमेशा जगह किसी न किसी
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नए तत्व के लिए
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शब्दकोश में नए शब्दों के लिए
+
और कविताओं की दुनियाँ में नई कविता के लिए.
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**********
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* [[यह वक़्त / समरकंद में बाबर / सुधीर सक्सेना]]
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* [[त्रासदी / सुधीर सक्सेना]]
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* [[आज के दिन. / सुधीर सक्सेना]]
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* [[निवा के तट पर-1 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[निवा के तट पर-2 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[निवा के तट पर-3 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[ओह, मस्कवा!-1 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[ओह, मस्कवा!-2 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[ये मेरी आँखें / सुधीर सक्सेना]]
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* [[पेइचिंग : कुछ कविताएँ-1 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[पेइचिंग : कुछ कविताएँ-2 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[पेइचिंग : कुछ कविताएँ-3 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[पेइचिंग : कुछ कविताएँ-4 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[पेइचिंग : कुछ कविताएँ-5 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[पेइचिंग : कुछ कविताएँ-6 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[पेइचिंग : कुछ कविताएँ-7 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[अभी भी लाल है पूरब / सुधीर सक्सेना]]
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* [[हिंस्र बाज की आँखों में झाँको / सुधीर सक्सेना]]
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* [[मुंबई : कुछ कविताएँ-1 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[मुंबई : कुछ कविताएँ-8 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[भोपाल / सुधीर सक्सेना]]
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* [[दिल्ली दूर अस्त / सुधीर सक्सेना]]
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* [[समरकंद में बाबर. / सुधीर सक्सेना]]
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* [[भूकम्प : कुछ कविताएँ-1 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[भूकम्प : कुछ कविताएँ-2 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[भूकम्प : कुछ कविताएँ-4 / सुधीर सक्सेना]]
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* [[नरकयात्रा / सुधीर सक्सेना]]
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* [[नाक / सुधीर सक्सेना]]
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* [[कयामत / सुधीर सक्सेना]]
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* [[अभी स्यापे का समय नहीं है / सुधीर सक्सेना]]
  
पटाक्षेप
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'''सात घोड़े और परदानशीं
  
अब लीलाओं के लिए
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* [[अपनी साल्गिरह पर / सुधीर सक्सेना]]
ज़रूरी नहीं रहा मंच
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* [[जी करता है / सुधीर सक्सेना]]
न ज़रूरी रहे
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* [[इस बरस होली / सुधीर सक्सेना]]
नट-नटी और सूत्रधार.
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* [[डर / सुधीर सक्सेना]]
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* [[सुहागन है अभी धरती / सुधीर सक्सेना]]
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* [[जिनकी पसन्द है लाल / सुधीर सक्सेना]]
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* [[इंतज़ार / सुधीर सक्सेना]]
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* [[सात घोड़े और परदानशीं. / सुधीर सक्सेना]]
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* [[आलोक / सुधीर सक्सेना]]
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* [[देहलीज़ पर स्त्री / सुधीर सक्सेना]]
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* [[ज़िन्दगीनामा / सुधीर सक्सेना]]
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* [[बहुत कर ली प्रतीक्षा / सुधीर सक्सेना]]
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* [[मैं आऊंगा तुम्हारे पास / सुधीर सक्सेना]]
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* [[चोखेर आलो / सुधीर सक्सेना]]
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* [[तुम्हारी आवाज़ है नागीच / सुधीर सक्सेना]]
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* [[ख़ूबसूरत दिन हैं ये / सुधीर सक्सेना]]
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* [[वह मेरी चिड़िया / सुधीर सक्सेना]]
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* [[बीरबहूटी / सुधीर सक्सेना]]
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* [[ख़्वाहिश / सुधीर सक्सेना]]
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* [[लिखूँ एक कविता / सुधीर सक्सेना]]
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* [[कैसी अजीब गण्ना / सुधीर सक्सेना]]
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* [[यही समय है / सुधीर सक्सेना]]
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* [[अनिद्रा / सुधीर सक्सेना]]
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* [[मक़बूल फ़िदा हुसैन / सुधीर सक्सेना]]
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* [[प्रोतिमा बेदी / सुधीर सक्सेना]]
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* [[क्षमा नहीं / सुधीर सक्सेना]]
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* [[बचो, स्त्री! / सुधीर सक्सेना]]
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* [[अहिल्या / सुधीर सक्सेना]]
 +
* [[अगर पहना देती धरती / सुधीर सक्सेना]]
 +
* [[पहाड़ किससे कहें? / सुधीर सक्सेना]]
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* [[नियाग्रा प्रपात / सुधीर सक्सेना]]
  
ज़रूरी नहीं रही मंच सज्जा
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'''लम्बी कविता
कि अब समूची धरती है लीला का रंगमंच
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और तो और
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ज़रूरी नहीं रहा अंगराग,
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न पीतांबर, न मुकुट,
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अब वर्गीकृत नहीं रहीं भूमिकाएँ
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कि चाहिए एक अदद धीरोदात्त नायक,
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एक अदद रूपगर्विता मुग्धा नायिका,
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और एक अदद विदूषक सहचर.
+
  
अब खल विदूषक है
+
* [[बीसवीं सदी, इक्कीसवी सदी-1 / सुधीर सक्सेना]]
और विदूषक नायक
+
* [[बीसवीं सदी, इक्कीसवी सदी-2 / सुधीर सक्सेना]]
और नायक क्लीव
+
* [[बीसवीं सदी, इक्कीसवी सदी-3 / सुधीर सक्सेना]]
अब युग नहीं रहा सुखांत या दुखांत का
+
* [[बीसवीं सदी, इक्कीसवी सदी-4 / सुधीर सक्सेना]]
कि लीला पुरुष की लीला
+
* [[बीसवीं सदी, इक्कीसवी सदी-5 / सुधीर सक्सेना]]
कभी ख़त्म नहीं होती
+
* [[बीसवीं सदी, इक्कीसवी सदी-6 / सुधीर सक्सेना]]
चलती रहती है लीला अहर्निश अविराम
+
पटकथा से पूर्णतः विलोपित कर दिया गया है
+
शब्द पटाक्षेप.
+
 
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**********
+
 
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विडंबना
+
 
+
 
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चित्रांकन-हेम ज्योतिका
+
 
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हाथी के दुश्मन हो गए हाथी दाँत,
+
गंडे के दुल्हन उसी के सींग,
+
हिरनों को बैरी हुआ उन्हीं का चर्म,
+
शेरों-बाघों की शत्रु उन्हीं की खाल और अवयव.
+
विषधर का शत्रु हुआ उसी का विष,
+
समूर की ज़ान का गाहक हुआ उसी का लोम,
+
इसी तरह
+
प्रेमियों की जान ली प्रेम ने
+
सुकरात को मारा सत्य ने,
+
ईसा को प्रेम ने,
+
और करूणा ने कृष्ण को
+
गाँधी को मारा गोडसे ने नहीं,
+
गाँधी के उदात्त ने.
+
नदी का शत्रु हुआ उसका प्रवाह,
+
पहाड़ को डसा ऊँचाई ने,
+
और वनों की देह छलनी की काठ ने.
+
इसी तरह
+
इसी तरह
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आदमी के भीतर
+
आदमी को मारा
+
आदमी के गुमान ने?
+
 
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**********
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गौर से देखो
+
 
+
अच्छे दिन इतने अच्चे नहीं होते
+
कि हम उन्हें तमगे की तरह
+
टाँक ले ज़िंदगी की कमीज़ पर
+
बुरे दिन इतने बुरे भी नहीं होते
+
कि हम उन्हें पोटली में बाँध
+
पिछवाड़े गाड़ दें
+
या
+
फेंक दे किसी अंधे कूप में
+
अच्छे दिन मसखरे नहीं होते
+
कि हँसे तो हम हँसते चले जाएँ
+
हँसे इस कदर कि पेट में
+
बल पड़ जाए उम्र भर के लिए
+
बुरे दिन इतने बुरे भी नहीं होते
+
कि हम रोएँ तो रोते चले जाएँ
+
और हिमनद बन जाए हमारी आँखें
+
परस्पर गुंथे हुए आते हैं
+
अच्छे दिन और बुरे दिन
+
केकुले के बेंज़ीन के फार्मूले की तरह
+
ग़ौर से देखो
+
अच्छे और बुरे दिनों के चेहरे
+
अच्छे दिनों की नीली आँखों की कोर में
+
अटका हुआ है आँसू
+
और बुरे दिनों के स्याह होंठों पर चिपकी है नन्हीं सी मुस्कान.
+

13:16, 2 जनवरी 2010 के समय का अवतरण


समरकंद में बाबर
रचनाकार सुधीर सक्सेना
प्रकाशक आधार प्रकाशन, पंचकूला, हरियाणा- 134109
वर्ष 1997
भाषा हिन्दी
विषय
विधा
पृष्ठ 108
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।


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