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* [[महब्बत करने वालों में ये झगड़ा डाल देती है / मुनव्वर राना]]
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* [[दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ / मुनव्वर राना]]
 
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* [[जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है/ मुनव्वर राना]]
 
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* [[जब कभी धूप की शिद्दत ने सताया मुझको / मुनव्वर राना]]
 
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* [[इश्क़ में राय बुज़ुर्गों से नही ली जाती / मुनव्वर राना]]  
 
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* [[बाज़ारी पेटी कोट की सूरत हूँ इन दिनों / मुनव्वर राना]]  
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* [[हमारी बेबसी देखो उन्हें हमदर्द कहते हैं / मुनव्वर राना]]  
 
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* [[मियाँ रुसवाई दौलत के तआवुन से नहीं जाती / मुनव्वर राना]]
 
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* [[आँखों में कोई ख़्वाब सुनहरा नहीं आता / मुनव्वर राना]]
 
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* [[गौतम की तरह घर से निकल / मुनव्वर राना]]
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* [[गौतम की तरह घर से निकल कर नहीं जाते / मुनव्वर राना]]
 
* [[जो उसने लिक्खे थे ख़त कापियों में छोड़ आए / मुनव्वर राना]]
 
* [[जो उसने लिक्खे थे ख़त कापियों में छोड़ आए / मुनव्वर राना]]
 
* [[फ़रिश्ते आ उनके जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं / मुनव्वर राना]]
 
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* [[ज़िन्दगी से हर ख़ुशी अब ग़ैर-हाज़िर हो गई / मुनव्वर राना]]
 
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* [[ये दीवाना ज़माने भर की दौलत छोड़ सकता है / मुनव्वर राना]]
 
* [[ये दीवाना ज़माने भर की दौलत छोड़ सकता है / मुनव्वर राना]]
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20:40, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

घर अकेला हो गया
Ghar akelaa ho gayaa.jpg
रचनाकार मुनव्वर राना
प्रकाशक वाणी प्रकाशन,

21- ए , दरिया गंज नई दिल्ली 110002

वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 136
ISBN 978-81-8143-978-9
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।