भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शहजाद अहमद" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) (→ग़ज़लें) |
||
पंक्ति 20: | पंक्ति 20: | ||
* [[फ़स्ल-ए-गुल खाक हुई जब तो सदा दी तू ने / शहजाद अहमद]] | * [[फ़स्ल-ए-गुल खाक हुई जब तो सदा दी तू ने / शहजाद अहमद]] | ||
* [[मैं अकेला हूँ यहाँ मेरे सिवा कोई नहीं / शहजाद अहमद]] | * [[मैं अकेला हूँ यहाँ मेरे सिवा कोई नहीं / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[गुजरने ही न दी वो रात मैंने / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[शऊरे जात ने ये रस्म भी निबाही थी / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[वो मेरे पास है क्या पास बुलाऊँ उसको / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[शबे गम को सहर करना पड़ेगा / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[ज़लाया था मैंने दिया किसलिए / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[ईमाँ को एक बार भी जुम्बिश नहीं हुई / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[जो शज़र सूख गया है वो हरा कैसे हो / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[अब तक उसकी मुहब्बत का नशा तारी है / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[धूप निकली है तो बदल की रिदा मांगते हो / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[ये सोचकर की तेरी ज़वीं पर न बल पड़े / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[बहुत ख़राब किया ख्वाहिशाते दुनिया ने / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[आरज़ू की बेहिसी का गर यही आलम रहा / शहजाद अहमद]] | ||
+ | * [[जल भी चुके परवाने हो भी चुकी रुसवाई / शहजाद अहमद]] |
17:59, 19 अप्रैल 2014 का अवतरण
शहजाद अहमद
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 16 अगस्त 1932 |
---|---|
निधन | 02 अगस्त 2012 |
जन्म स्थान | अमृतसर, पंजाब |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
जलती बुझती आँखें, टूटा हुआ पुल | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
शहजाद अहमद / परिचय |
ग़ज़लें
- चुप के आलम में वो तस्वीर सी सूरत उस की / शहजाद अहमद
- डूब जाएँगे सितारे और बिखर जाएगी रात / शहजाद अहमद
- फ़स्ल-ए-गुल खाक हुई जब तो सदा दी तू ने / शहजाद अहमद
- मैं अकेला हूँ यहाँ मेरे सिवा कोई नहीं / शहजाद अहमद
- गुजरने ही न दी वो रात मैंने / शहजाद अहमद
- शऊरे जात ने ये रस्म भी निबाही थी / शहजाद अहमद
- वो मेरे पास है क्या पास बुलाऊँ उसको / शहजाद अहमद
- शबे गम को सहर करना पड़ेगा / शहजाद अहमद
- ज़लाया था मैंने दिया किसलिए / शहजाद अहमद
- अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है / शहजाद अहमद
- ईमाँ को एक बार भी जुम्बिश नहीं हुई / शहजाद अहमद
- जो शज़र सूख गया है वो हरा कैसे हो / शहजाद अहमद
- अब तक उसकी मुहब्बत का नशा तारी है / शहजाद अहमद
- धूप निकली है तो बदल की रिदा मांगते हो / शहजाद अहमद
- ये सोचकर की तेरी ज़वीं पर न बल पड़े / शहजाद अहमद
- बहुत ख़राब किया ख्वाहिशाते दुनिया ने / शहजाद अहमद
- आरज़ू की बेहिसी का गर यही आलम रहा / शहजाद अहमद
- जल भी चुके परवाने हो भी चुकी रुसवाई / शहजाद अहमद