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|अंग्रेज़ीनाम=Ranjana Mishra | |अंग्रेज़ीनाम=Ranjana Mishra |
18:47, 23 जून 2023 के समय का अवतरण
रंजना मिश्र
© कॉपीराइट: रंजना मिश्र। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग रंजना मिश्र की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
जन्म | 1970 |
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जन्म स्थान | जमशेदपुर, झारखंड |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पत्थर समय की सीढ़ियाँ (1922) | |
विविध | |
कई महत्त्वपूर्ण विदेशी और भारतीय कवियों के अनुवाद। आकाशवाणी, पुणे से सम्बद्ध। वाणिज्य तथा शास्त्रीय संगीत में शिक्षा। कवि अरुण कमल का कहना है -- रंजना मिश्र ने शहरों को लेकर कुछ नयी तरह की कविताएँ लिखीं हैं, मुम्बई, इंदौर, पन्हाला की एक शाम, एक शहर कलकत्ता जैसी कविताएँ जो शहर और समूह का काव्य-अध्ययन हैं। हिन्दी में ऐसी कविताएँ अधिक नहीं हैं। इन्हीं के साथ यदि हम ‘नींद और रात’ तथा ‘बुधवार की रात, को भी ले लें तब लगता है कि रंजना जी ने अभी के समय को कितने कोणों और स्तरों से देखने की कोशिश की है। और ऐसा करते हुए भाषा को भिन्न तरीके से बरतने की कोशिश भी की है- दरार भरे पैर, समय से होड़ लेते बच्चे, आवाज़्ा की झुर्रियाँ अद्भुत प्रयोग हैं। | |
जीवन परिचय | |
रंजना मिश्र / परिचय |
कविताएँ
- अंजुम के लिए / रंजना मिश्र
- इंदौर के नाम / रंजना मिश्र
- इतिहास, असमंजस और चींटियाँ / रंजना मिश्र
- इनकार / रंजना मिश्र
- एकालाप / रंजना मिश्र
- गुम हुए लोग / रंजना मिश्र
- चालीस पार की औरत / रंजना मिश्र
- दुनिया में औरतें / रंजना मिश्र
- दूसरी दुनिया से पहले / रंजना मिश्र
- दो मनःस्थितियाँ / रंजना मिश्र
- पंडित जसराज के लिए / रंजना मिश्र
- पिता / रंजना मिश्र
- पुरस्कारों की घोषणा / रंजना मिश्र
- पुल पर औरत / रंजना मिश्र
- पेड़ और कविता / रंजना मिश्र
- प्रेम कहानियाँ / रंजना मिश्र
- बंजारेपन का मारा प्रेम / रंजना मिश्र
- बुधवार पेठ की वेश्याएं / रंजना मिश्र
- भाषा की स्मृति / रंजना मिश्र
- महानायक की प्रतीक्षा / रंजना मिश्र
- मुंबई / रंजना मिश्र
- विषकन्याएँ / रंजना मिश्र
- वे पाँच थीं / रंजना मिश्र
- सदी के इस छोर पर प्रेम / रंजना मिश्र
- हरिहर जेठालाल जरीवाला (संजीव कुमार) / रंजना मिश्र