भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चाहता हूँ पागल भीड़ / मनोज श्रीवास्तव

Kavita Kosh से
Firstbot (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:01, 15 जुलाई 2010 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चाहता हूँ पागल भीड़
Chahta Hoon Pagal Bheed.JPG
रचनाकार मनोज श्रीवास्तव
प्रकाशक विद्या श्री पब्लिकेशन्स
वर्ष 2006
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा
पृष्ठ 154
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।