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अतल की लय / रमेश रंजक
Kavita Kosh से
अतल की लय
रचनाकार | रमेश रंजक |
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प्रकाशक | पुस्तकायन, 2 / 4240 ए, अन्सारी रोड, नई दिल्ली-110003 |
वर्ष | 1994, प्रथम संस्करण । |
भाषा | हिन्दी |
विषय | गीत |
विधा | नवगीत |
पृष्ठ | 104 |
ISBN | |
विविध | 1985 से 1988 के नवगीत। कविता कोश के लिए कवि रमेश रंजक का यह दुर्लभ संग्रह कवि महेश उपाध्याय ने उपलब्ध कराया। |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- जितने-जितने सभ्य / रमेश रंजक
- छुट्टल डोल रहे / रमेश रंजक
- घर नदी का सिन्धु / रमेश रंजक
- पा लिया अन्तस् / रमेश रंजक
- शब्द नीली आस्था से / रमेश रंजक
- ज्योति के पावन / रमेश रंजक
- तुझको संसार सार / रमेश रंजक
- तुम्हारा आना / रमेश रंजक
- तुमसे मिले / रमेश रंजक
- पहले ले लिया मुझे / रमेश रंजक
- अन्तर के तार बजे / रमेश रंजक
- आँखों में प्रतिभ किरण / रमेश रंजक
- मंजूर नहीं / रमेश रंजक
- भाषा की रोशनी / रमेश रंजक
- चट्टान की आँख / रमेश रंजक
- पर्वत पर चढ़ कर / रमेश रंजक
- स्वरों के देवता / रमेश रंजक
- मेरे तेरे रंग रसीले / रमेश रंजक
- सपने-1 / रमेश रंजक
- सपने-2 / रमेश रंजक
- उम्मीद की शहतीर / रमेश रंजक
- नए घर पर / रमेश रंजक
- डाकिये का दीख जाना / रमेश रंजक
- बरसों की भाग-दौड़ / रमेश रंजक
- रोज़ ही झरते हैं / रमेश रंजक
- गत बरस रह गया / रमेश रंजक
- हमसफ़र मिले / रमेश रंजक
- तुम्हारे पाग़लपन के / रमेश रंजक
- दोनों पर अहसान / रमेश रंजक
- हमको तो फेंक दिया / रमेश रंजक
- खण्डित इतिहास / रमेश रंजक
- बहुत पुराने मन के धागे / रमेश रंजक
- जहाँ-जहाँ दृष्टि गई / रमेश रंजक
- तुम्हें देखा रात-दिन / रमेश रंजक
- तुम नहीं आए / रमेश रंजक
- पीठ तक नंगा / रमेश रंजक
- तू हार गया / रमेश रंजक
- ठूँठ लगे भेड़िए / रमेश रंजक
- एक नोट अण्टी तक / रमेश रंजक
- इन्हें पुरवाइयों को / रमेश रंजक
- इस परेवट में / रमेश रंजक
- धरती जब महकती है / रमेश रंजक
- नौबजिया के फूल / रमेश रंजक
- आम ले आषाढ़ आए / रमेश रंजक
- शाखा के सिरहाने / रमेश रंजक
- भरी दुपहरी पड़कुल / रमेश रंजक
- चली आ रही हवा / रमेश रंजक
- लाँक पड़े हैं / रमेश रंजक
- जल रही है देह / रमेश रंजक
- दिल्ली का यह / रमेश रंजक
- पंजाब-प्रकृति / रमेश रंजक
- सफ़र के नाम से / रमेश रंजक
- हुरहा उदास / रमेश रंजक
- एक भूख उतरी है / रमेश रंजक
- नदी बही है / रमेश रंजक
- लो ख़ून हुआ / रमेश रंजक
- जब-जब देखे नयन / रमेश रंजक
- सब्ज़ीवाला आज / रमेश रंजक
- आदमी बाँटने ख़ानों में / रमेश रंजक
- ट्रेन में जैसे सुना / रमेश रंजक
- ज़हर भरा फ़व्वारा / रमेश रंजक
- क्या हुआ है आजकल / रमेश रंजक
- धरम की ओट में / रमेश रंजक
- बुद्ध की आवाज़ / रमेश रंजक
- शाम अपने घर गई है / रमेश रंजक
- किसने दिया तनाव / रमेश रंजक
- स्वर सूख गए / रमेश रंजक
- वे कौन हाथ हैं / रमेश रंजक
- इस व्यवस्था के / रमेश रंजक
- सारा देश निढाल / रमेश रंजक
- उनसे कभी न हो / रमेश रंजक
- इतना पानी भरा / रमेश रंजक
- ये किन हाथों में / रमेश रंजक
- राज़ की बातें / रमेश रंजक
- बरोसी / रमेश रंजक
- व्यथा-कथा / रमेश रंजक