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- 03:32, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+938) . . न थार में प्यास / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>जब लोग गा रहे थे पानी के गीत हम सपनों में देखते थे प्यास भर पानी।…) (मौजूदा)
- 03:31, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+35) . . ओम पुरोहित 'कागद'
- 03:29, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+325) . . न अब के बरस / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>चौथाई टिड्डी चौथाई फाके का कछु साहूकार का कुछ पटवारी का अब के क…) (मौजूदा)
- 03:26, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+493) . . न जूण भर चून / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>आखा गांव धार्मिक है सुगनी काकी भी आस्तिक है इसी लिए धर्म पालती …) (मौजूदा)
- 03:24, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+453) . . न तपस्वी रूंख / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>सिकी हुई रेत में खड़ा है हरियल सपने लेता खेजड़े का तपस्वी रूंख …) (मौजूदा)
- 03:24, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+440) . . न कहीं तो बचे जीवन / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>आंख उठाये देखता है देवला कभी आसमान को और टटोलता है कभी हरियाली …) (मौजूदा)
- 03:22, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+434) . . न यूं बरसती है बिरखा / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>खूब रोता है धनिया जब पूछती है सात साल की लडली बाबा, कैसी होती है …) (मौजूदा)
- 03:21, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+863) . . न बिफरती रेत में / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>इस बार होगा जमाना धान से भरेंगे कोठार बाबा करेंगे पीले हाथ मेरे…) (मौजूदा)
- 03:20, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+548) . . न झूँपे ही नहीं / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>यह काले-काले झूंपे धोरी के आलस या सूगलेपन का परिणाम नहीं है इनक…) (मौजूदा)
- 03:19, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+503) . . न नहीं जन्मेंगे / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>सूख-सूख गए सांप-सलीटा बिच्छू-कांटा सब धरती की कोख में; जो निकले थ…) (मौजूदा)
- 03:19, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+655) . . न पूछती है बेकलू / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>इधर-उधर उड़ती सोनचिड़ी से पूछती है खेत की बेकळू कब आएगा गांव से …) (मौजूदा)
- 03:18, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+689) . . न क्या होती है बिरखा / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>भूल गई डेडर की जात ऊंचे -ऊंचे स्वर में गाना टर्राना । भूल गई चिड…) (मौजूदा)
- 03:18, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+458) . . न उस चित्र को / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>गांव में आया था उड़ कर कहीं से अखबार का एक पन्ना बूढ़ी काकी ने जि…) (मौजूदा)
- 03:17, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+381) . . न झूँपे में/ ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>अब नहीं बचे हाड़ों पर चर्बी और चाम हाडारोड़ी से लौटा है हड़खोरा…) (मौजूदा)
- 03:16, 3 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+296) . . ओम पुरोहित 'कागद'
- 14:48, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+477) . . न हर छुअन के बाद / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>बरसात में नहाई हरी पत्तियां सोनल धूप की छुअन जो मिली दिप-दिप कर…) (मौजूदा)
- 14:48, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+499) . . न ठूंठ जो ठहरा / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>हर आती रूत लाई अपने संग रंग नए पर यह जस-का-तस रहा आजू-बाजू कहीं को…) (मौजूदा)
- 14:47, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+574) . . न खरोंचें कभी पोंछी नहीं जाती / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>बच्चे स्लेट पर कुछ लिखकर पानी से पोंछ देते हैं एक-सा सुख है उनक…) (मौजूदा)
- 14:47, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+426) . . न हरिया उठता है / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>भूल-से ही सही सूख रही किसी शाख पर ठूंठ की फूट आए जो कोंपल कहीं को…) (मौजूदा)
- 14:47, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+637) . . न हो नहीं सकती / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>दिखती हो बेशक सीधी सीधी नहीं होती लेकिन सड़क कोई कदम-कदम पर होत…) (मौजूदा)
- 13:59, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+774) . . न तब और अब / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>तब मस्तमौला मन की मिल्कियात थे ढाई आख्र जिनकी खनक सुन खिंचे आत…) (मौजूदा)
- 04:31, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+3,497) . . धूप क्यों छेड़ती है / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 04:03, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,584) . . न कविता अब लिंग बदलेगी / ओम पुरोहित ‘कागद’ (नया पृष्ठ: <poem>अब कविता लग्र मंडपों कोठों आराध्यगाहों को गीत नहीं होगी। अब नह…) (मौजूदा)
- 03:59, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+580) . . आदमी नहीं है / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 03:49, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-2,325) . . ओम पुरोहित 'कागद'
- 03:48, 2 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+442) . . ओम पुरोहित 'कागद'
- 22:21, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+3) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 22:20, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+6,407) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 22:06, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-3,118) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 22:06, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+3,118) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 22:05, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-6,281) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 22:03, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+6,281) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 22:00, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-1,983) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:59, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,710) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:58, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-2,845) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:58, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+2,845) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:57, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+273) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:57, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-6,300) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:56, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+6,214) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:55, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+776) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:53, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-7,922) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’ (पृष्ठ से सम्पूर्ण विषयवस्तु हटा रहा है)
- 21:48, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+57) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 21:43, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+6,311) . . थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- 14:09, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+770) . . न अपने ही रचे को / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>पहली बरसात के साथ ही घरों से निकल पडते हैं बच्चे रचने रेत के घर …) (मौजूदा)
- 14:08, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+633) . . न सच बता………… / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>कितना अच्छा था वह दिन भले ही अनजाने में लिखे थे और अक्षर भी ढाई …) (मौजूदा)
- 14:07, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,268) . . न सुनों मां / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>पहले मैं एक सपना था जिसे संजोया तुमने सांसों से साधा दुनिया भर …) (मौजूदा)
- 14:07, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+447) . . न रचता हुआ मिटता / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>जितना रचना है उतना मिटना भी है शायद यह अलग बात है रचता हुआ मिटत…) (मौजूदा)
- 14:07, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (0) . . उस दुनिया की सैर के बाद / सांवर दइया
- 14:06, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+761) . . न अपने ही रचे हो / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>पहली बरसात के साथ ही घरों से निकल पडते हैं बच्चे रचने रेत के घर …) (मौजूदा)
- 14:05, 1 जुलाई 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+948) . . न सपना सजों रहे / सांवर दइया (नया पृष्ठ: <poem>नहीं कुछ फर्क नहीं पड़ेगा यदि ये शिलाएं न लगे राम मंदिर में नही…) (मौजूदा)
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