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जिस तरह घुलती है काया / वाज़दा ख़ान
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जिस तरह घुलती है काया
रचनाकार | वाज़दा ख़ान |
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प्रकाशक | भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली। |
वर्ष | 2009 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | छंदहीन |
पृष्ठ | 136 |
ISBN | 978-81-263-1694-6 |
विविध |
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- शब्द / वाज़दा ख़ान
- आहटें / वाज़दा ख़ान
- लकीरें / वाज़दा ख़ान
- शिकार / वाज़दा ख़ान
- आईना / वाज़दा ख़ान
- बूँद / वाज़दा ख़ान
- तलाश / वाज़दा ख़ान
- तेरे सिवा / वाज़दा ख़ान
- बीचोंबीच / वाज़दा ख़ान
- अनुभूतियाँ / वाज़दा ख़ान
- अंतराल / वाज़दा ख़ान
- ज़मीन / वाज़दा ख़ान
- जंगल / वाज़दा ख़ान
- अपनी-अपनी सलीब / वाज़दा ख़ान
- छटपटाहट / वाज़दा ख़ान
- नया दौर / वाज़दा ख़ान
- ब्रह्मांड / वाज़दा ख़ान
- क्षण / वाज़दा ख़ान
- धूप / वाज़दा ख़ान
- और मैं ? / वाज़दा ख़ान
- तपते रेगिस्तान में / वाज़दा ख़ान
- संघर्ष / वाज़दा ख़ान
- सन्नाटा / वाज़दा ख़ान
- तमाम दिनों की सदाएँ / वाज़दा ख़ान
- दीमकें / वाज़दा ख़ान
- परछाइयाँ / वाज़दा ख़ान
- सृजन-1 / वाज़दा ख़ान
- सृजन-2 / वाज़दा ख़ान
- सृजन-3 / वाज़दा ख़ान
- आकाशगंगा में तैरते दीप / वाज़दा ख़ान
- काला इतिहास / वाज़दा ख़ान
- नीली परछाइयाँ / वाज़दा ख़ान
- फैलती लतरें / वाज़दा ख़ान
- जिस तरह घुलती है काया (कविता) / वाज़दा ख़ान
- अपंग मानवता / वाज़दा ख़ान
- अधूरी मधुर तान / वाज़दा ख़ान
- बेआवाज़ कुंडी / वाज़दा ख़ान
- प्रार्थना / वाज़दा ख़ान
- संवेदनहीनता / वाज़दा ख़ान
- तुम्हारा नाम / वाज़दा ख़ान
- ख़याल / वाज़दा ख़ान
- बहाव / वाज़दा ख़ान
- अनुत्तरित प्रश्न / वाज़दा ख़ान
- देह की पीर / वाज़दा ख़ान
- स्मृतियाँ / वाज़दा ख़ान
- छोटे लोग / वाज़दा ख़ान
- पत्थर / वाज़दा ख़ान
- आँखों में शाम / वाज़दा ख़ान
- स्वगत / वाज़दा ख़ान
- एहसास / वाज़दा ख़ान
- धूप के टुकड़े / वाज़दा ख़ान
- मज़मून / वाज़दा ख़ान
- आरज़ू के मोती / वाज़दा ख़ान
- पलकों के भीतर / वाज़दा ख़ान
- मुट्ठी भर आसमान / वाज़दा ख़ान
- ज़िंदगी का सफ़रनामा / वाज़दा ख़ान
- कामनाओं का राग / वाज़दा ख़ान
- कस्तूरीगंध / वाज़दा ख़ान
- नीम अँधेरे में / वाज़दा ख़ान
- हवाओं से लिपटकर / वाज़दा ख़ान
- घरों में बंद लड़कियाँ / वाज़दा ख़ान
- जीने का सलीक़ा / वाज़दा ख़ान
- कल्पना चावला को श्रद्धांजलि / वाज़दा ख़ान
- बर्बर सभ्यता की दास्तान / वाज़दा ख़ान
- नन्हीं बच्ची की नियति / वाज़दा ख़ान
- आएगी मौत बग़ैर आहट / वाज़दा ख़ान
- असम्भव शब्दों की गीता / वाज़दा ख़ान
- सपनों की परिभाषा / वाज़दा ख़ान
- आस्था की अग्निपरीक्षा / वाज़दा ख़ान
- गाने दो उसे भी / वाज़दा ख़ान
- नींव का पत्थर / वाज़दा ख़ान
- ज़िंदगी / वाज़दा ख़ान
- तुम्हारी स्मृतियों की वीणा / वाज़दा ख़ान
- श्वेत दीवार पर / वाज़दा ख़ान
- तुम्हारी विरासत / वाज़दा ख़ान
- निःशब्द आहट / वाज़दा ख़ान
- अँजुरी में प्रकाश / वाज़दा ख़ान
- उदासी में सिमटी पृथ्वी / वाज़दा ख़ान
- रेत ही रेत / वाज़दा ख़ान
- पिघलती घड़ियाँ / वाज़दा ख़ान
- अपना मान / वाज़दा ख़ान
- रेतीली पगडंडियों पर / वाज़दा ख़ान
- यक्ष-प्रश्न / वाज़दा ख़ान
- केवल एक शरीर / वाज़दा ख़ान
- एक हुजूम से दूसरे हुजूम में / वाज़दा ख़ान
- घर / वाज़दा ख़ान
- तब कोई नहीं बचेगा / वाज़दा ख़ान
- हम तो बस यूँ ही / वाज़दा ख़ान
- सर्द एहसास में / वाज़दा ख़ान
- काले पर्दे से झाँकती ख़ामोशी / वाज़दा ख़ान