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गोपाल सिंह नेपाली
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गोपाल सिंह नेपाली
जन्म | 11 अगस्त 1911 |
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निधन | 17 अप्रैल 1963 |
जन्म स्थान | बेतिया, जिला चम्पारन, बिहार, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
उमंग (1933), पंछी (1934), रागिनी (1935), पंचमी (1942), नवीन (1944), नीलिमा (1945), हिमालय ने पुकारा (1963) | |
विविध | |
मूल नाम गोपाल बहादुर सिंह; फ़िल्मों में लगभग 400 धार्मिक गीत लिखे। | |
जीवन परिचय | |
गोपाल सिंह नेपाली / परिचय |
विषय सूची
कृति
- चरी / गोपाल सिँह नेपाली (नेपाली अनुवाद)
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- दीपक जलता रहा रात भर / गोपाल सिंह नेपाली
- मैं विद्युत् में तुम्हें निहारूँ / गोपाल सिंह नेपाली
- बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे / गोपाल सिंह नेपाली
- तू चिंगारी बनकर उड़ री / गोपाल सिंह नेपाली
- दिल चुरा कर न हमको / गोपाल सिंह नेपाली
- हिंदी है भारत की बोली / गोपाल सिंह नेपाली
- प्रिये तुम्हारी इन आँखों में / गोपाल सिंह नेपाली
- बदनाम रहे बटमार मगर / गोपाल सिंह नेपाली
- कितना कोमल, कितना वत्सल / गोपाल सिंह नेपाली
- दो मेघ मिले बोले-डोले / गोपाल सिंह नेपाली
- कर्णधार तू बना तो / गोपाल सिंह नेपाली
- तुम जलाकर दिये, मुँह छुपाते रहे / गोपाल सिंह नेपाली
- युगांतर / गोपाल सिंह नेपाली
- एक रुबाई / गोपाल सिंह नेपाली
- आ रहे तुम बनकर मधुमास / गोपाल सिंह नेपाली
- नई उमरिया प्यासी है / गोपाल सिंह नेपाली
- भाई - बहन / गोपाल सिंह नेपाली
- बाबुल तुम बगिया के तरुवर / गोपाल सिंह नेपाली
- दीपक जलता रहा रातभर / गोपाल सिंह नेपाली
- नवीन कल्पना करो / गोपाल सिंह नेपाली
- सरिता / गोपाल सिंह नेपाली
- उस पार / गोपाल सिंह नेपाली
- यह दिया बुझे नहीं / गोपाल सिंह नेपाली
- हिमालय और हम / गोपाल सिंह नेपाली
- हिमालय ने पुकारा / गोपाल सिंह नेपाली
- प्रार्थना बनी रही / गोपाल सिंह नेपाली
- गरीब का सलाम ले / गोपाल सिंह नेपाली
- मेरा धन है स्वाधीन क़लम / गोपाल सिंह नेपाली
- मेरी दुल्हन सी रातों को ... / गोपाल सिंह नेपाली
- स्वतंत्रता का दीपक / गोपाल सिंह नेपाली
- अपनेपन का मतवाला / गोपाल सिंह नेपाली
- मुसकुराती रही कामना / गोपाल सिंह नेपाली
- यह लघु सरिता का बहता जल / गोपाल सिंह नेपाली
- वसंत गीत / गोपाल सिंह नेपाली
- कुछ ऐसा खेल रचो साथी / गोपाल सिंह नेपाली
- दो प्राण मिले / गोपाल सिंह नेपाली
- दूर जाकर न कोई बिसारा करे / गोपाल सिंह नेपाली
- शासन चलता तलवार से / गोपाल सिंह नेपाली
- कुछ मुक्तक / गोपाल सिंह नेपाली
- तू पढ़ती है मेरी पुस्तक / गोपाल सिंह नेपाली
- तारे चमके, तुम भी चमको / गोपाल सिंह नेपाली
- मैं प्यासा भृंग जनम भर का / गोपाल सिंह नेपाली
- मेरा देश बड़ा गर्वीला / गोपाल सिंह नेपाली
- कवि की बरसगाँठ / गोपाल सिंह नेपाली
- चौपाटी का सूर्यास्त / गोपाल सिंह नेपाली
- तुम आग पर चलो / गोपाल सिंह नेपाली
- इस रिमझिम में चाँद हँसा है / गोपाल सिंह नेपाली
- यह दिल खोल तुम्हारा हँसना / गोपाल सिंह नेपाली
- आगमन / गोपाल सिंह नेपाली
- निश्चय / गोपाल सिंह नेपाली
- मौलसिरी / गोपाल सिंह नेपाली
- हरी घास / गोपाल सिंह नेपाली
- पीपल / गोपाल सिंह नेपाली
- करुणा / गोपाल सिंह नेपाली
- देहात / गोपाल सिंह नेपाली
- तुलसीदास / गोपाल सिंह नेपाली
- दुनिया एक तुम्हारी आँखें / गोपाल सिंह नेपाली
- उषा से / गोपाल सिंह नेपाली
- आज तुम चलीं / गोपाल सिंह नेपाली
- दुखिया / गोपाल सिंह नेपाली
- आज जवानी के क्षण में / गोपाल सिंह नेपाली
- मन का पंछी / गोपाल सिंह नेपाली
- बादल और पृथ्वी / गोपाल सिंह नेपाली
- ज़िन्दगी / गोपाल सिंह नेपाली
- एक बार / गोपाल सिंह नेपाली
- जल रहा है गाँव / गोपाल सिंह नेपाली
- अभागिनी / गोपाल सिंह नेपाली
- मेघ और झरना / गोपाल सिंह नेपाली
- पहाड़ी कोयल / गोपाल सिंह नेपाली
- जवानियाँ / गोपाल सिंह नेपाली
- जय हे भारतमाता / गोपाल सिंह नेपाली
केही नेपाली कविता
- अधीरता / गोपाल सिँह नेपाली
- आलिङ्गन / गोपाल सिँह नेपाली
- आश्वासन / गोपाल सिँह नेपाली
- क्रीडा / गोपाल सिँह नेपाली
- गगन पथबाट / गोपाल सिँह नेपाली
- चहक / गोपाल सिँह नेपाली
- चित्कार / गोपाल सिँह नेपाली
- चिरप्रेमी / गोपाल सिँह नेपाली
- जय-जयकार छ / गोपाल सिँह नेपाली
- गोपाल सिँह नेपाली
- वन– रानी / गोपाल सिँह नेपाली
- वनराजा / गोपाल सिँह नेपाली
- गोपाल सिँह नेपाली
- विदा / गोपाल सिँह नेपाली
- वियोग / गोपाल सिँह नेपाली
- विलाप / गोपाल सिँह नेपाली
नेपाली गीत
बाल कविताएँ
फ़िल्मों के लिए लिखे गीत
- न जाने कैसी बुरी घड़ी में दुल्हन बनी एक अभागन / गोपाल सिंह नेपाली
- बहारें आएँगी होंठों पे फूल खिलेंगे / गोपाल सिंह नेपाली
- कहाँ तेरी मंज़िल कहाँ है ठिकाना / गोपाल सिंह नेपाली
- मेरी चुनरी उड़ाए लियो जाए / गोपाल सिंह नेपाली
- यहाँ रात किसी की रोते कटे या चैन से सोते-सोते कटे / गोपाल सिंह नेपाली
- दूर पपीहा बोला रात आधी रह गई / गोपाल सिंह नेपाली
- दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे / गोपाल सिंह नेपाली
- ओ दुपट्टा रंग दे मेरा रंगरेज / गोपाल सिंह नेपाली
- किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ / गोपाल सिंह नेपाली
- शमा से कोई कह दे / गोपाल सिंह नेपाली