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देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- जीवन-संध्या में आज, पथिक तुम थके और हारे-से हो / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- कई बार पहले भी उलझी नज़र (दूसरा सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- मैं क्या उत्तर दूँ! जीवन में जिसने यह आग लगायी है (प्रथम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- उर के आवेगों से विह्वल कच ने देखी वह छवि अजान (प्रथम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- यह कैसा झूठा सत्य, भीरु वीरत्व, सदय निर्दयता है! (द्वितीय सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- तुम खेल सरल मन के सुख से, अब छोड़ मुझे यों दीन-हीन (द्वितीय सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- मानस के मंदिर में जलती अब भी कैसी यह स्नेह-शिखा (द्वितीय सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- तभी डूबते को कहीं दूर पर (तीसरा सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- न तैयार था कोई जाने को गाँव (तीसरा सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- 'मिटे हों जो बन-बनके सपने कई (चौथा सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- 'यही प्यार की थी कहानी मेरी (पाँचवाँ सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- मधुप तुम भूले प्रीति पुरातन / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- मधुकर यह उपवन क्यों भूले / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- कल्प वृक्ष की सबसे ऊँची शाखा पर से / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- वांछित जो माँगें आप, सौंवे बलिकाल में / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- गलने लगा हिमालय लज्जा से सागर चिंघाड़ रहा / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- तुमने जीवन दिया हमें, हम तुम्हें मृत्यु दे बैठे आप; / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- अंधकार-युग वह भारत का जब जातीय ज्योति थी क्षीण / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- भारत मेरे स्वप्नों का वह, जिसमें सब समान, सब एक, / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- बापू की पद-चिह्न-पंक्ति-सी मिट न सकेगी धरती पर / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- बोल 'महात्मा गाँधी की जय' छोड़ दिये कितनों ने प्राण, / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- राजा राम अयोध्या के थे! हुए विदा जो उसको छोड़ / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- भग्न तारों को सजाकर, / प्रथम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- और एक दिन निशि के सूनेपन में रूग्ण पिता के / द्वितीय सर्ग / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- जन्मसिद्ध अधिकार मनुज का न्याय-शान्ति पाने का / चतुर्थ सर्ग / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- मैं कौन? कहाँ से तिर आयी हिम-कणिका-सी ! / प्रथम खंड / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- क्रमश: तारक द्युतिहीन, लीन स्वर-मधुप-वृन्द / प्रथम खंड / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- भावी का धनुष-भंग, सीता-राघव-विवाह / द्वितीय खंड / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- आ चुके थे पर चतुर नायक पुलिस के / पंचम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- अब कहाँ मिलने की सूरत रह गयी! / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- अब कोई प्यार की पहल तो करे / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- अब उन हसीन अदाओं का रंग छूट गया / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- आ, कि अब भोर की यह आख़िरी महफ़िल बैठे / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- आप क्यों दिल को बचाते हैं यों टकराने से! / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- इन आँसुओं से तुम अपना दामन सजा रहे थे, पता नहीं था / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- उसने करवा दी मुनादी शहर में इस बात की -- / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- कहाँ आ गए चलके हम धीरे-धीरे / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- क्या छिपी है अब हमारे दिल की हालत आपसे! / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- कुछ और भी है उन आँखों की बेज़ुबानी में / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- अब क्यों भला किसीको हमारी तलाश हो! / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- अपना चेहरा भी किसी और का लगा है मुझे / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- आदमी भीतर से भी टूटा हुआ लगता है आज / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- आपका एक इशारा तो हो! / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- आपके दिल में हमारी भी चाह है कि नहीं! / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- उनकी आवाज़ बुलाती है हर क़दम के साथ / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- उनका बदला हुआ हर तौर नज़र आता है / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- एक अहसास की रंगत के सिवा कुछ भी नहीं / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- ऐसी बहार फिर नहीं आयेगी मेरे बाद / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- और दीवाने सभी चक्कर लगाकर रह गये / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)
- कई सवाल तो ऐसे भी जी में आये हैं / गुलाब खंडेलवाल (← कड़ियाँ)