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|जन्मस्थान=पटना
 
|जन्मस्थान=पटना
 
|मृत्यु=1 अगस्त 1907
 
|मृत्यु=1 अगस्त 1907
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|कृतियाँ=स्वप्न (लम्बी कविता)
 
|विविध='स्वप्न' शीर्षक कविता खड़ी बोली हिन्दी में रचित पहली लम्बी कविता है, जिसे सबसे पहले पटना के हिन्दी साप्ताहिक पत्र 'बिहार बन्धु' ने 13 अक्तूबर 1881 से 15 दिसम्बर 1881 तक धारावाहिक प्रकाशित किया था। हिन्दी में मुक्त छंद का प्रयोग सबसे पहले इसी कविता में हुआ। बाबू महेश नारायण पटना के निवासी थे।
 
|विविध='स्वप्न' शीर्षक कविता खड़ी बोली हिन्दी में रचित पहली लम्बी कविता है, जिसे सबसे पहले पटना के हिन्दी साप्ताहिक पत्र 'बिहार बन्धु' ने 13 अक्तूबर 1881 से 15 दिसम्बर 1881 तक धारावाहिक प्रकाशित किया था। हिन्दी में मुक्त छंद का प्रयोग सबसे पहले इसी कविता में हुआ। बाबू महेश नारायण पटना के निवासी थे।
 
|अंग्रेज़ीनाम=Babu Mahesh Narain
 
|अंग्रेज़ीनाम=Babu Mahesh Narain

20:43, 8 सितम्बर 2009 का अवतरण

बाबू महेश नारायण
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जन्म 1858
निधन 1 अगस्त 1907
उपनाम
जन्म स्थान पटना
कुछ प्रमुख कृतियाँ
स्वप्न (लम्बी कविता)
विविध
'स्वप्न' शीर्षक कविता खड़ी बोली हिन्दी में रचित पहली लम्बी कविता है, जिसे सबसे पहले पटना के हिन्दी साप्ताहिक पत्र 'बिहार बन्धु' ने 13 अक्तूबर 1881 से 15 दिसम्बर 1881 तक धारावाहिक प्रकाशित किया था। हिन्दी में मुक्त छंद का प्रयोग सबसे पहले इसी कविता में हुआ। बाबू महेश नारायण पटना के निवासी थे।
जीवन परिचय
बाबू महेश नारायण / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/

स्वप्न (लम्बी कविता)