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निमाड़ी लोकगीत
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- गढ़ हो गुंडी उप्पर नौबत वाज / निमाड़ी
- पाँच बधावा पिया न हो गढ़ रे सुहाना हो / निमाड़ी
- मंडप / निमाड़ी
- लागी लगी रे दुई दुई हाथ मेहँदी रंग लागी / निमाड़ी
- ब्य्नीका अंगना म पिपली रे / निमाड़ी
- बना-बननी / निमाड़ी
- धीर धीर साथ म्हारा गाव / निमाड़ी
- मात कहे बात भली सुन सुन्दरी / निमाड़ी
- बनी का सासरिया सी हो / निमाड़ी
- फुल्डा बिन्न्ती तू चली / निमाड़ी
- विघण हरण गणराज है / निमाड़ी
- जोगी ढ़ुढ़ण हम गया / निमाड़ी
- ऐसी भक्ति साधू मत किजीये / निमाड़ी
- तुम म्हारी नौका धीमी चलो / निमाड़ी
- भाग हमारा जागीयाँ / निमाड़ी
- हरे नोटिस आयारे राजा राम का / निमाड़ी
- म्हारा भरपुर जोगी / निमाड़ी
- काया नही रे सुहाणी भजन बिन / निमाड़ी
- दुखः सुखः मन म नी लावणा / निमाड़ी
- माय चली कैलाश को / निमाड़ी
- अमर कंट निज धाम है / निमाड़ी
- चलो मनवा रे जहाँ जाइयो / निमाड़ी
- होत आवेरो म्हारा धाम को / निमाड़ी
- पढ़ो रे पोपट राजा राम का / निमाड़ी
- कहा तक तोहे समझाऊ / निमाड़ी
- जन्म दियो रे हरी नाम ने / निमाड़ी
- ऐसो करम मत किजो रे सजना / निमाड़ी
- खेती खेडो रे हरिनाम की / निमाड़ी
- सीता राम सुमर लेवो / निमाड़ी
- मैना वंती हो माता / निमाड़ी
- ऐसी हो प्रीत निभावजो / निमाड़ी
- आणो आयो रे पारीब्रम्ह को / निमाड़ी
- मन भवरा तो लोभीया / निमाड़ी
- कोई नी मिल्यो म्हारा देश को / निमाड़ी