देवी नांगरानी की रचनाएँ
देवी नांगरानी
जन्म | 11 दिसम्बर 1941 |
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उपनाम | |
जन्म स्थान | कराची |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ग़म में भीगी खुशी (सिंधी गज़ल संग्रह 2004); उड़ जा पँछी (सिंधी भजन संग्रह 2007); चराग़े-दिल (हिंदी गज़ल संग्रह 2007) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
देवी नांगरानी / परिचय |
- चराग़े-दिल / देवी नांगरानी
- कितने पिये हैं दर्द के आँसू... / देवी नांगरानी
- दीवारो दर थे, छत थी... / देवी नांगरानी
- देखकर मौसमों के असर रो दिए... / देवी नांगरानी
- उड़ गए बालो-पर उड़ानों में... / देवी नांगरानी
- आंधियों के भी पर कतरते हैं... / देवी नांगरानी
- ताज़गी कुछ नहीं हवाओं में... / देवी नांगरानी
- ज़िन्दगी के चन्द लम्हे... / देवी नांगरानी
- मोती कभी पलकों से गिराए नहीं हमने... / देवी नांगरानी
- टूटे हुए उसूल थे, जिनका रहा गुमाँ / देवी नांगरानी
- चक्रव्यूह / देवी नांगरानी
- कलियों के होंट छूकर वो मुस्करा रहा है / देवी नांगरानी
- सहरा भी गुलज़ार भी तो हैं / देवी नांगरानी
- दिल ना माने कभी तो क्या कीजे / देवी नांगरानी
- हमने पाया तो बहुत कम है बहुत खोया है / देवी नांगरानी
- ये है पहचान एक औरत की / देवी नांगरानी
- दिल से मिलाये बिन भी दिल / देवी नांगरानी
- ज़िंदगी एक आह होती है / देवी नांगरानी
- कुछ अंधेरो में दीपक जलाओ / देवी नांगरानी
- अब ख़ुशी की हदों के पार हूँ मैं / देवी नांगरानी
- कसमसाता बदन रहा मेरा / देवी नांगरानी
- ख़लिश से गुज़रते रहे जो / देवी नांगरानी
- खुशबू वतन की / देवी नांगरानी
- घर में वो जब भी आया होगा / देवी नांगरानी
- चढ़ा था जो सूरज / देवी नांगरानी
- चराग़ों ने अपने ही घर को जलाया / देवी नांगरानी
- छीन ली मौसमों ने है आज़ादियाँ / देवी नांगरानी
- जब दुख में अबला रोती है / देवी नांगरानी
- ज़माने से रिश्ता बनाकर तो देखो / देवी नांगरानी
- ठहराव ज़िन्दगी में दुबारा नहीं मिला / देवी नांगरानी
- तेरी रहमतों में सहर नहीं / देवी नांगरानी
- दिल न मुझसे कभी ख़फा होता / देवी नांगरानी
- दोस्तों का है अजब ढब / देवी नांगरानी
- बहता रहा जो दर्द / देवी नांगरानी
- भटके हैं तेरी याद में / देवी नांगरानी
- मेरा शुमार कर लिया / देवी नांगरानी
- मैं तो साहिल पे आकर रहा डूबता / देवी नांगरानी
- या बहारों का ही ये मौसम नहीं / देवी नांगरानी
- वो हवा शोख पत्ते उड़ा ले गई / देवी नांगरानी
- शीशे के मेरे घर के हैं ... / देवी नांगरानी
- सबका मन अपना दुश्मन है / देवी नांगरानी
- साथ चलते देखे हमने ... / देवी नांगरानी
- सोच की चट्टान पर बैठी रही / देवी नांगरानी
- सोच को मेरी नई वो / देवी नांगरानी
- हिज्र में उसके जल रहे जैसे / देवी नांगरानी
- डर उसे फिर न रात का होगा / देवी नांगरानी
- झूठ सच के बयान में रक्खा / देवी नांगरानी
- दिल को हम कब उदास करते हैं / देवी नांगरानी
- ख़यालो-ख़्वाब में ही महफिलें सजाता है / देवी नांगरानी
- चोट ताज़ा कभी जो खाते हैं / देवी नांगरानी